भारत और चीन के बीच सैन्य तनातनी जारी रहने के चार महीने पूरे होने के साथ ही भारत और चीन के रक्षा मंत्रियों की सीधी बातचीत के बाद दोनों ओर से साफ संकेत दिया गया है कि उनकी सेनाओं ने अपनी म्यानों से तलवारें निकाल ली हैं और अब वे इसे भांजने के लिये पूरी तरह तैयार हैं। इस बातचीत की पहल हालांकि चीन की ओर से की गई और भारतीय रक्षा मंत्री ने इस बातचीत को लेकर अपनी अरुचि दिखाई कि उनका मास्को में काफी व्यस्त कार्यक्रम है। चीनी पक्ष द्वारा बातचीत की पहल करना यह संकेत देता है कि पूर्वी लद्दाख के सीमांत इलाके में भारतीय सेना ने सैन्य दबाव काफी बढ़ा दिया है।
भारतीय और चीनी सेनाओं की तलवारें म्यानों से बाहर
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- 6 Sep, 2020

थलसेना प्रमुख जनरल मनोज नरवाणे ने गत गुरुवार को ही लद्दाख के सीमांत इलाकों का दौरा कर युद्ध की तैयारी की गहन समीक्षा की है और अपने जवानों का मनोबल बढ़ाया है। उधर वायुसेना प्रमुख एयर चीफ़ मार्शल आर. के. एस. भदौरिया ने इसी दिन पूर्वी वायुसैनिक कमांड के वायुसैनिक अड्डों का दौरा किया, जहाँ भारतीय वायुसेना के अत्यधिक संहारक सुखोई-30 एमकेआई , जगुआर, मिग-29 आदि लड़ाकू विमान पूरी तरह तैयार हैं।