यूक्रेन में फँसे भारतीयों को लेकर दो तसवीरें सामने हैं। एक तरफ़ -5 यानी माइनस पाँच डिग्री सेल्सियस में भूखे-प्यासे छात्र हैं, कई तरह की पीड़ा से गुजर रहे हैं और उनकी मदद नहीं मिलने की शिकायतें हैं। दूसरी तरफ़ केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और ज्योतिरादित्य द्वारा साझा किए गए वीडियो और तसवीरें हैं जिनमें कहा गया कि सभी भारतीयों को वापस लाया जाएगा और भारतीयों को पूरी मदद की जा रही है। क्या ये दोनों तसवीरें यूक्रेन में फँसे भारतीयों को लेकर विपरीत दावे नहीं हैं? यूक्रेन में फँसे भारतीयों और भारत सरकार के दावे अलग क्यों दिख रहे हैं?
तापमान -5 डिग्री, भूख-प्यास..., जानिए यूक्रेन में किस पीड़ा से गुजर रहे भारतीय
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- 28 Feb, 2022
वीडियो में देखा जा सकता है कि छात्र कह रहे हैं कि वे माइनस 5 डिग्री तापमान में हैं और भोजन और पानी की दिक्कतें हैं। यूक्रेन की सीमा पार करने में दिक्कतें हो रही हैं। तो क्या उन तक मदद नहीं पहुँच रही है?

छात्रों की स्थिति क्या और इस पर सरकार के दावे क्या हैं, उसको जानने से पहले यह जान लें कि आख़िर हालात क्या हैं।