यूक्रेन में फँसे भारतीयों को लेकर दो तसवीरें सामने हैं। एक तरफ़ -5 यानी माइनस पाँच डिग्री सेल्सियस में भूखे-प्यासे छात्र हैं, कई तरह की पीड़ा से गुजर रहे हैं और उनकी मदद नहीं मिलने की शिकायतें हैं। दूसरी तरफ़ केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और ज्योतिरादित्य द्वारा साझा किए गए वीडियो और तसवीरें हैं जिनमें कहा गया कि सभी भारतीयों को वापस लाया जाएगा और भारतीयों को पूरी मदद की जा रही है। क्या ये दोनों तसवीरें यूक्रेन में फँसे भारतीयों को लेकर विपरीत दावे नहीं हैं? यूक्रेन में फँसे भारतीयों और भारत सरकार के दावे अलग क्यों दिख रहे हैं?