अराजकतावादी, शकुनि, तानाशाही, तानाशाह, जयचंद, विनाश पुरूष, खालिस्तानी, खून से खेती जैसे शब्दों का भी इस्तेमाल संसद में बहस के दौरान होने पर इन्हें संसद की कार्यवाही से निकाल दिया जाएगा।
संसद के पिछले सत्र बेहद हंगामेदार रहे हैं और इनमें कृषि कानूनों से लेकर पेगासस जासूसी मामला सहित कई अन्य मुद्दों पर विपक्ष और सरकार आमने-सामने आ चुके हैं। इस दौरान संसद का माहौल काफी गर्म रहा था।