भारतीय सेना ने मंगलवार को साफ़ किया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अमृतसर के स्वर्ण मंदिर परिसर में एडी बंदूकें या कोई एयर डिफेंस सिस्टम तैनात नहीं किए गए। यह बयान उन ख़बरों के जवाब में आया, जिनमें दावा किया गया था कि स्वर्ण मंदिर प्रबंधन ने पाकिस्तान से ड्रोन और मिसाइल खतरों का मुकाबला करने के लिए सेना को बंदूकें तैनात करने की अनुमति दी थी। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) और मुख्य ग्रंथी ज्ञानी रघबीर सिंह ने भी इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि कोई ऐसी अनुमति नहीं दी गई और न ही कोई संपर्क हुआ। सेना ने कहा कि ऐसी खबरें गलत हैं और स्वर्ण मंदिर की पवित्रता बरकरार रही।
भारतीय सेना ने एक आधिकारिक बयान में कहा, 'कुछ मीडिया रिपोर्ट स्वर्ण मंदिर में हवाई रक्षा (एडी) बंदूकों की तैनाती के संबंध में प्रसारित हो रही हैं। यह साफ़ किया जाता है कि श्री दरबार साहिब अमृतसर (स्वर्ण मंदिर) के परिसर में कोई एडी बंदूकें या अन्य हवाई रक्षा संसाधन तैनात नहीं किए गए थे।'
बता दें कि अमृतसर को पाकिस्तानी ड्रोनों और प्रोजेक्टाइलों द्वारा कई बार निशाना बनाया गया, जो भारत के ऑपरेशन सिंदूर के जवाब में था। यह ऑपरेशन 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमलों के विरोध में शुरू किया गया था।