रामपुरहाट शहर के पास बोगतुई गांव में 22 मार्च को छह महिलाओं और दो बच्चों को उनके घरों में बंद कर दिया गया था और उन्हें जिंदा जला दिया गया था। तृणमूल कांग्रेस के एक स्थानीय नेता भादू शेख के बम हमले में मारे जाने के बाद इस घटना को बदले की कार्रवाई माना जा रहा है। इस घटना के एक दिन बाद वहां जले हुए शव मिले, जिनमें से ज्यादातर एक ही परिवार के थे।