दिल्ली में लाल किले के पास हुए ब्लास्ट को लेकर कुछ टीवी चैनलों और यूट्यूब चैनलों की रिपोर्टिंग को लेकर केंद्र सरकार ने चेतावनी जारी की है। कुछ निजी टीवी चैनलों ने विस्फोटक बनाने के तरीकों से जुड़ी रिपोर्ट प्रसारित की है। इस पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (Ministry of Information and Broadcasting) ने मंगलवार को एडवाइजरी जारी की है। इसमें चैनलों को ऐसी सामग्री दिखाने के खिलाफ चेतावनी दी गई है जो गैरकानूनी गतिविधियों को बढ़ावा दे सकती है, सहायता कर सकती है।
सभी निजी सैटेलाइट टीवी चैनलों को जारी किए गए परामर्श में कहा गया है: "मंत्रालय के संज्ञान में आया है कि कुछ समाचार चैनल लाल किला विस्फोट में कथित रूप से शामिल व्यक्तियों से संबंधित सामग्री प्रसारित कर रहे हैं, उनके हिंसक कृत्यों को उचित ठहरा रहे हैं, साथ ही विस्फोटक सामग्री कैसे बनाई जाए इस बारे में जानकारी/वीडियो भी प्रसारित कर रहे हैं।"
मंत्रालय ने जोर दिया कि इस तरह के प्रसारण अनजाने में हिंसा को प्रोत्साहित या भड़का सकते हैं, सार्वजनिक व्यवस्था को बाधित कर सकते हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं।
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सरकार ने न्यूज़ चैनलों से आग्रह कियाहै कि वे "ऐसे मामलों पर रिपोर्टिंग करते समय उच्चतम स्तर का विवेक और संवेदनशीलता बरतें।" फरीदाबाद में जैश-ए-मोहम्मद मॉड्यूल द्वारा दिल्ली के लाल किले पर किए गए विस्फोट के बाद, खुफिया एजेंसियां ​​ऑनलाइन मीडिया कंटेंट पर नज़र रख रही हैं। विभिन्न सुरक्षा समीक्षा बैठकों के दौरान, शीर्ष अधिकारियों ने सुझाव दिया है कि समाचारों के साथ-साथ ऑनलाइन प्रसारित की जा रही दुष्प्रचार सामग्री पर भी नज़र रखना ज़रूरी है। पाकिस्तान स्थित कई सोशल मीडिया अकाउंट भारतीय युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के इरादे से ऑनलाइन फर्जी खबरें फैला रहे हैं। वे फर्जी खबरें फैलाने के लिए चुनिंदा टेलीविजन चैनलों के क्लिप का इस्तेमाल करते हैं।
सरकार ने एडवाइज़री में केबल टेलीविजन नेटवर्क (नियमन) अधिनियम, 1995 के नियमों का भी हवाला दिया है। जिनमें कहा गया है कि किसी भी कार्यक्रम में कुछ भी अश्लील, मानहानिकारक, जानबूझकर झूठा, या विचारोत्तेजक इशारे और अर्धसत्य नहीं होने चाहिए। जिससे हिंसा को बढ़ावा मिलने या भड़काने की संभावना हो, कानून और व्यवस्था के रखरखाव के विरुद्ध हो, या राष्ट्र-विरोधी प्रवृत्तियों को बढ़ावा देता हो; या राष्ट्र की अखंडता को प्रभावित करता हो।
सरकार ने कहा कि सभी टीवी चैनलों को सलाह दी जाती है कि वे ऐसे दृश्यों के प्रसारण से बचें जो अवैध गतिविधियों में मदद, प्रोत्साहन या बढ़ावा दे सकते हों।
यह एडवाइजरी इसलिए सामने आई है कि जब दिल्ली में 10 नवंबर, 2025 को लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास कार बम विस्फोट में 13 लोगों की मौत हो गई। टीवी चैनलों ने मामले को ज्यादा ही सनसनीखेज बना दिया। सरकार ने इसे एक आतंकी हमला घोषित किया था।
सरकार ने इसकी जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दी है। इस मामले में गिरफ्तारियां हो रही हैं। हाल ही में, कुछ चैनलों द्वारा कथित तौर पर इस धमाके के मुख्य आरोपी उमर उन नबी के एक पुराने वीडियो को प्रसारित करने के बाद यह कदम उठाया गया है, जिसमें वह हिंसक कृत्यों को सही ठहराते हुए दिख रहा है।
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पाकिस्तान की इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) पूरे भारत में बड़े पैमाने पर भर्ती अभियान चलाने और फरीदाबाद जैसे मॉड्यूल स्थापित करने की योजना बना रही है। दिल्ली विस्फोटों की जाँच जारी है और यह पता चला है कि जैश-ए-मोहम्मद के फरीदाबाद मॉड्यूल ने ही इस हमले को अंजाम दिया था।