प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा चुनावों में प्रचंड बहुमत से आकर तो चौंकाया ही मंत्रिमंडल के गठन में भी उन्होंने कम अचरज वाले फ़ैसले नहीं लिए। चाहे वह अमित शाह को कैबिनेट में शामिल करने का फ़ैसला हो या पूर्व गृह सचिव एस. जयशंकर को सीधे कैबिनेट मंत्री बनाने का। मेनका गाँधी, सुरेश प्रभु, जेपी नड्डा, राधा मोहन सिंह जैसे नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने से भी लोगों में इस सवाल के प्रति उत्सुकता रही कि किस वजह से ऐसे दिग्गज नेताओं को भी जगह नहीं मिली। पिछली सरकार के क़रीब 30 मंत्रियों को इस बार शामिल नहीं किया गया और 19 नए चेहरों को जगह मिली, यह भी बड़ी बात है। इसके साथ ही सवाल यह उठता है कि क्या मंत्रियों के विभाग बँटवारे और बीजेपी अध्यक्ष पद पर चुनाव तक ऐसे ही चौंकाने वाले फ़ैसले आते रहेंगे?