लोकसभा में मंगलवार को 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने केंद्र सरकार और गृह मंत्री अमित शाह पर तीखा हमला बोला। उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले को लेकर सुरक्षा चूक पर सवाल उठाए। प्रियंका ने पूछा, 'पहलगाम के बैसारन घाटी में एक भी सुरक्षाकर्मी क्यों नहीं था? क्या गृह मंत्री ने इसकी जिम्मेदारी ली या इस्तीफा दिया?' दूसरी ओर, गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर हमला किया और कहा कि 'आतंकवादी मारे गए और आप खुश नहीं हैं?'

कांग्रेस हाल में पहलगाम के हमलावर आतंकवादियों के नहीं पकड़े जाने पर मोदी सरकार के ख़िलाफ़ हमला करती रही है। इस पर जवाब देते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने दावा किया कि सुरक्षाबलों ने पहलगाम हमले के तीन आतंकियों- सुलेमान, अफगान और जिबरान- को 'ऑपरेशन महादेव' में मार गिराया है और इसके पुख्ता सबूत मौजूद हैं।
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पहलगाम हमला

22 अप्रैल 2025 को पहलगाम के बैसारन घाटी में आतंकियों ने हमला किया। इस हमले में 26 पर्यटकों की मौत हो गई। कुछ रिपोर्टों में कहा गया कि आतंकियों ने लोगों की धार्मिक पहचान पूछकर चुन-चुनकर हत्याएँ कीं। लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े 'द रेसिस्टेंस फ्रंट' यानी टीआरएफ़ ने इस हमले की जिम्मेदारी ली। यह साल 2000 के बाद कश्मीर में पर्यटकों पर सबसे घातक हमला था।

प्रियंका गांधी ने अपने भाषण में उत्तर प्रदेश के शुभम द्विवेदी का जिक्र किया, जो अपनी पत्नी और परिवार के साथ पहलगाम घूमने गए थे। उन्होंने कहा, 'शुभम ने सरकार के दावों पर भरोसा किया कि कश्मीर में शांति बहाल हो चुकी है। लेकिन खूबसूरत मौसम और घाटी की सुंदरता के बीच आतंकियों ने उन्हें मार डाला।' उन्होंने सरकार से सवाल किया कि जब कश्मीर को सुरक्षित बताया जा रहा था तब 26 नागरिकों को आतंकियों के हवाले क्यों छोड़ दिया गया?

प्रियंका गांधी का सरकार पर हमला

लोकसभा में प्रियंका गांधी ने सरकार की खामोशी और जवाबदेही की कमी पर तंज कसते हुए कहा, 'हर कोई ऑपरेशन सिंदूर की बात करता है और हमें अपनी सेना पर गर्व है। लेकिन कोई यह नहीं बताता कि 22 अप्रैल को पहलगाम में क्या हुआ।' उन्होंने कहा कि टीआरएफ़ 2019 में आतंकी संगठन के रूप में सामने आया और 2020 से 2025 तक इसने 25 हमले किए। इनमें 41 सुरक्षाकर्मी और 27 नागरिक मारे गए। फिर भी, टीआरएफ़ को 2023 में ही आतंकी संगठन घोषित किया गया। उन्होंने सवाल उठाया, 'इतना समय क्यों लगा? क्या यह खुफिया एजेंसियों की विफलता नहीं है?'

प्रियंका ने यूपीए सरकार के समय की तुलना करते हुए कहा, 
26/11 मुंबई हमले के बाद गृह मंत्री और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने इस्तीफा दे दिया था। सभी आतंकी उसी दिन मार गिराए गए थे और एक को बाद में फाँसी दी गई। जवाबदेही साफ़ थी। लेकिन क्या अमित शाह ने इस्तीफा दिया या जिम्मेदारी ली?
प्रियंका गांधी
उन्होंने यह भी पूछा कि जब पाकिस्तान के पास आत्मसमर्पण के अलावा कोई रास्ता नहीं था तब युद्धविराम क्यों हुआ और वह भी अमेरिकी राष्ट्रपति की घोषणा पर?

प्रियंका ने अमित शाह के उस बयान का भी जवाब दिया, जिसमें उन्होंने सोनिया गांधी पर 2008 के बटला हाउस एनकाउंटर के बाद आतंकियों के लिए आंसू बहाने का आरोप लगाया था। प्रियंका ने गुस्से में कहा, 'मेरी मां के आंसू आतंकियों के लिए नहीं, बल्कि तब बहे जब मेरे पिता राजीव गांधी को आतंकियों ने शहीद किया। मैं आज पहलगाम में मारे गए 26 लोगों के लिए बोल रही हूं, क्योंकि मुझे उनका दर्द समझ आता है।'
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आतंकी हमले पर अमित शाह क्या बोले

गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर कहा कि पहलगाम हमले के तीन आतंकियों - सुलेमान, अफगान और जिबरान को जम्मू-कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ़ और भारतीय सेना ने संयुक्त रूप से मार गिराया। उन्होंने दावा किया, 'हमारे सुरक्षाबलों ने यह सुनिश्चित किया कि आतंकियों की पहचान सटीक हो। उनके शवों को श्रीनगर लाया गया, जहाँ हिरासत में लिए गए लोगों ने उनकी पहचान की। हमारे पास पुख्ता सबूत हैं।'

अमित शाह ने पहलगाम हमले की निंदा करते हुए कहा, 'यह एक बर्बर कृत्य था। मैं पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूँ।' उन्होंने यह भी कहा कि हमले के बाद उन्होंने खुद प्रभावित परिवारों से मुलाक़ात की थी और एक ऐसी महिला से मिले जो शादी के छह दिन बाद विधवा हो गई थी। उन्होंने जोर देकर कहा कि मोदी सरकार आतंकवाद के ख़िलाफ़ कड़ा रुख अपनाएगी।

अमित शाह ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि विपक्ष को आतंकियों के खात्मे पर खुशी होनी चाहिए थी, लेकिन वे नाखुश दिखते हैं।

शाह ने पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम पर निशाना साधते हुए कहा, 'चिदंबरम ने पूछा कि पहलगाम हमले के आतंकी पाकिस्तान से आए, इसका सबूत क्या है? मैं पूछता हूं, पाकिस्तान को बचाने से उन्हें क्या मिलेगा?'

विपक्ष, सरकार में तीखी नोकझोंक

लोकसभा में चर्चा के दौरान माहौल तनावपूर्ण रहा। जब प्रियंका ने पहलगाम में मारे गए लोगों के नाम पढ़े तो कुछ बीजेपी सांसदों ने 'हिंदू, हिंदू' के नारे लगाए, जिसके जवाब में विपक्ष ने 'इंडियन, इंडियन' के नारे लगाए। प्रियंका ने बीजेपी सांसदों के जवाहरलाल नेहरू के जिक्र पर तंज कसते हुए कहा, 'आप 11 साल से सत्ता में हैं, अब जिम्मेदारी लें।'
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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी राज्यों सभा में सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने पूछा कि क्या सरकार को हमले की पूर्व सूचना थी, क्योंकि प्रधानमंत्री ने तीन दिन पहले अपनी कश्मीर यात्रा रद्द कर दी थी। उन्होंने कहा, 'उरी, पठानकोट, पुलवामा और अब पहलगाम- ये सभी खुफिया और राष्ट्रीय सुरक्षा की विफलताएं हैं। गृह मंत्री को जवाब देना चाहिए।'

पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में हुई बहस ने सरकार और विपक्ष के बीच गहरे मतभेदों को उजागर किया। प्रियंका गांधी ने सुरक्षा चूक और जवाबदेही की कमी पर सरकार को घेरा, जबकि अमित शाह ने आतंकियों के खात्मे के सबूत पेश कर सरकार की कार्रवाई को सही ठहराया। यह बहस न केवल पहलगाम हमले की गंभीरता को दिखाती है, बल्कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति और राष्ट्रीय सुरक्षा नीति पर व्यापक सवाल भी उठाती है।