मोदी सरकार के केंद्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने प्रख्यात अर्थशास्त्री और देश के पूर्व मुख्य सांख्यिकीविद् प्रोनाब सेन की अध्यक्षता वाली सांख्यिकी पर 14 सदस्यीय स्थायी समिति (एससीओएस) को चुपचाप भंग कर दिया। क्योंकि इसके सदस्यों ने जनगणना में देरी पर सवाल उठाया था।
आज का मोदीराजः जनगणना न कराने का मुद्दा उठाया तो स्थायी कमेटी भंग कर दी
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- 29 Mar, 2025
सांख्यिकी की स्थायी समिति को सरकार ने चुपचाप भंग कर दिया। सरकार इस बात से परेशान थी कि यह समिति बार-बार पूछ रही थी कि जनगणना कराने में देरी क्यों की जा रही है। सरकार जाति जनगणना की मांग पर पहले से ही दबाव में है, जबकि सामान्य जनगणना कराने पर भी वो कुंडली मारकर बैठी हुई है। जनणना इसलिए जरूरी है, ताकि नीतियों में नये आंकड़ों के हिसाब से बदलाव किया जा सके। सरकार यह नहीं बताना चाहती कि 2011 में जितने दलित बेरोजगार थे, उनकी तादाद 2024 में कितना हो गई है।
