अमित शाह
विपक्ष ने विधेयक का विरोध करते हुए इस पर मत विभाजन की मांग की है। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग और बाद में पेपर पर्चियों की गिनती के बाद, विधेयक पेश किए गए, जिसके पक्ष में 269 सदस्य और विरोध में 198 सदस्य थे। कुल 32 पार्टियां वन नेशन वन इलेक्शन कदम का समर्थन कर रही हैं, वहीं 15 विपक्षी दल इसका विरोध कर रहे हैं। आंध्र में तो सत्तारूढ़ टीडीपी और विपक्ष में जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआरसीपी दोनों ही इस विधेयक के समर्थन में है।
टीडीपी सांसदों ने विधेयक को अपना अटूट समर्थन देते हुए कहा कि यह देश भर में चुनाव की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करेगा। वहीं शिवसेना (यूबीटी), आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी जैसे विपक्षी दलों ने सरकार से बिल को तुरंत वापस लेने का आग्रह किया। एनडीए सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला से बिल को संयुक्त संसदीय समिति को भेजने का आग्रह किया। एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह विधेयक देश की सभी क्षेत्रीय पार्टियों को अकेले खत्म कर देगा और इसे केवल "सर्वोच्च नेता के अहंकार को संतुष्ट करने" के लिए पेश किया जा रहा है।