मणिपुर हिंसा के मामले में मोदी सरकार के ख़िलाफ़ विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव लंबित है और इस बीच उनके सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार को मणिपुर की राजधानी इंफाल पहुँच गया। टीम अपनी दो दिवसीय यात्रा पर है। सांसदों की यह टीम राज्य की वास्तविक स्थिति का आकलन करेगी और सरकार को सुझाव देगी। समझा जाता है कि विपक्ष इसको लेकर सरकार और प्रधानमंत्री मोदी पर दबाव भी बनाएगा। विपक्ष मांग कर रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य में तीन महीने से चल रहे संकट पर सदन में बोलें। उन्हें ऐसा करने के लिए मजबूर करने की उम्मीद में ही अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया है।
विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ ने घोषणा की है कि इसके सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार को अपने दो दिवसीय दौरे पर मणिपुर जा रहा है। इस प्रतिनिधिमंडल में 20 सदस्य होंगे। इसमें शामिल सदस्यों के नाम की घोषणा शुक्रवार की शाम की गई।

इसके बारे में शुक्रवार को जानकारी देते हुए कांग्रेस सांसद सैयद नसीर हुसैन ने बताया कि ‘इंडिया’ गठबंधन की पिछली बैठक में तय हुआ था कि हमारा एक प्रतिनिधिमंडल मणिपुर जाएगा। आज की बैठक में उस प्रतिनिधिमंडल में जाने वालों का नाम तय किया गया है। 
उन्होंने बताया कि कि शनिवार को ‘इंडिया’ गठबंधन के 20 सांसदों का प्रतिनिधिमंडल दिल्ली से मणिपुर के लिए सुबह 8.55 की फ्लाइट से रवाना होगा। इसमें 16 पार्टियों से लोकसभा और राज्यसभा दोनों के सांसद हैं।

प्रतिनिधिमंडल हिंसा प्रभावित मणिपुर के पहाड़ी और घाटी दोनों क्षेत्रों में जाएगा। हिंसा प्रभावित राहत शिविरों का दौरा करेगा और लोगों से बात कर उनकी परेशानियों को सुनेगा। रविवार 30 जुलाई को प्रतिनिधिमंडल मणिपुर की राज्यपाल से सुबह 10 बजे भेंट करेगा।

राज्यपाल से मुलाकात में सांसद मणिपुर में हिंसा को लेकर बातचीत करेंगे। अपने दौरे में लोगों से बातचीत कर उन्हें जो जानकारी और अनुभव मिलेंगे उसे वे राज्यपाल को बताएंगे।

इसके बाद हो सकता है कि प्रतिनिधिमंडल मणिपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीडिया को संबोधित करे। दिल्ली वापस आने के बाद भी प्रेस कॉन्फ्रेंस की जा सकती है। इसके साथ ही संसद में मणिपुर दौरे और वहां की ताजा स्थिति की जानकारी वह देंगे। 

कांग्रेस सांसद सैयद नसीर हुसैन ने बताया कि इस प्रतिनिधिमंडल के जरिए विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन की कोशिश है कि हम मणिपुर के अपने भाइयों-बहनों को संदेश देना चाहते हैं कि हम उनके साथ खड़े हैं। हम संदेश देना चाहते हैं कि हम क्षेत्र में शांति बहाल करने के लिए अपनी क्षमता से सब कुछ करेंगे। 

प्रतिनिधिमंडल में ये हैं शामिल