संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से ठीक पहले संसद के बाहर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विपक्ष संसद में ड्रामा न करे। ड्रामा करने की कई और जगह है। पीएम मोदी के इस बयान पर कांग्रेस ने जोरदार जवाब दिया और कहा कि दरअसल ड्रामा तो मोदी कर रहे हैं।
वायनाड से कांग्रेस सांसद प्रियंका वाड्रा ने कहा- संसद में ज़रूरी सार्वजनिक मुद्दों पर बोलना और उन्हें उठाना नाटक नहीं है। नाटक का मतलब है जनता से जुड़े मुद्दों पर लोकतांत्रिक चर्चा न होने देना। मेरा सुझाव है कि हम एसआईआर की स्थिति, प्रदूषण जैसे ज़रूरी मुद्दों पर बात करें। ये लोकतंत्र के लिए बेहद ज़रूरी हैं। संसद किसलिए है? हम इन मुद्दों पर चर्चा क्यों नहीं कर रहे हैं?
कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा, "प्रधानमंत्री नाटक कर रहे हैं, हम नहीं; हम लोगों के मुद्दों पर नारे लगाते हैं, जबकि सरकार 'मोदी, मोदी' के नारे लगाती है।"
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जयराम रमेश ने कहा- प्रधानमंत्री पाखंड कर रहे हैं।

कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री कभी संसद में नहीं जाते और उसे कमज़ोर करते हैं। वह कभी विपक्ष से बात नहीं करते।फिर भी, हर सत्र से पहले वह संसद भवन के बाहर खड़े होकर राष्ट्र के नाम शान से भाषण देते हैं और लोकसभा और राज्यसभा के सुचारू संचालन के लिए विपक्ष से रचनात्मक सहयोग की अपील करते हैं।अगर संसद सुचारू रूप से नहीं चलती है, तो इसका पूरा दोष प्रधानमंत्री और विपक्ष को ज़रूरी सार्वजनिक महत्व के मुद्दे उठाने की अनुमति न देने की उनकी ज़िद है। 
रमेश ने कहा- प्रधानमंत्री विपक्ष को कम से कम अपनी बात कहने का मौका दिए बिना हमेशा अपनी बात मनवाना चाहते हैं। संसद शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री का बयान पाखंड के अलावा और कुछ नहीं है। सबसे बड़ा नाटकबाज़ तो नाटक की बात कर रहा है।