जिस तरह ईंधन के दामों में बेतहाशा बढ़ोतरी हो रही है, उससे नहीं लगता कि जनता को कोई राहत आने वाले दिनों में मिलने वाली है। महंगाई की मार से कराह रही जनता को लगातार महंगा ईंधन ख़रीदना पड़ रहा है लेकिन उसकी सुनने वाला कोई नहीं है।
2014 के लोकसभा चुनाव से पहले पेट्रोल-डीजल की क़ीमतों को लेकर तत्कालीन यूपीए सरकार पर बरसने वाली बीजेपी के राज में ईंधन की क़ीमत आसमान छू रही हैं। लेकिन अब वह इसे लेकर पूरी तरह चुप है और उल्टा यूपीए सरकार को दोषी बता रही है।