प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को चीन के तियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के सामने आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान कड़ी आलोचना की। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि आतंकवाद पूरी मानवता के लिए चुनौती है और इस मुद्दे पर "दोहरा रवैया" मंजूर नहीं है। मोदी का यह भाषण अमेरिका को एक अप्रत्यक्ष संदेश है, जो इस समय पाकिस्तान को अपने प्रमुख सहयोगी के रूप में प्रोजेक्ट कर रहा है। जबकि कभी अमेरिका ने पाकिस्तान की इस बात के लिए निन्दा की थी कि वो आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है।

आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता की अपील 

प्रधानमंत्री मोदी ने SCO में कहा, "भारत पिछले चार दशकों से आतंकवाद का दंश झेल रहा है। हाल ही में पहलगाम में हमने आतंकवाद का सबसे क्रूर रूप देखा। यह हमला न केवल भारत की आत्मा पर प्रहार था, बल्कि यह उन सभी देशों के लिए खुली चुनौती है जो मानवता में विश्वास रखते हैं।" उन्होंने SCO के सदस्य देशों से आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने का आह्वान किया। पीएम ने स्पष्ट शब्दों में कहा, "आतंकवाद पर दोहरा मापदंड स्वीकार नहीं किया जा सकता। हमें एक स्वर में कहना होगा कि आतंकवाद का हर रूप और रंग नामंजूर है।"

पाकिस्तान पर सीधा निशाना 

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की मौजूदगी में पीएम मोदी ने बिना नाम लिए पड़ोसी देश पर निशाना साधा। उन्होंने सवाल उठाया, "क्या कुछ देशों द्वारा आतंकवाद को खुला समर्थन देना स्वीकार्य है? हमें आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर कड़ा रुख अपनाना होगा।" मोदी ने कहा कि भारत ने पहलगाम हमले के जवाब में 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत 7 मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए, जिससे कई आतंकी ढांचे नष्ट हुए। इस ऑपरेशन के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिनों तक ड्रोन और मिसाइलों की तीखी जवाबी कार्रवाई हुई, जो पाकिस्तानी सैन्य संचालन महानिदेशक (DGMO) के भारतीय पक्ष से बातचीत के बाद रुकी।

भारत की SCO नीति: सुरक्षा, संपर्क और अवसर 

पीएम मोदी ने भारत की SCO नीति को तीन स्तंभों - सुरक्षा (Security), संपर्क (Connectivity) और अवसर (Opportunity) - पर आधारित बताया। उन्होंने कहा, "पिछले 24 वर्षों में SCO ने यूरेशिया क्षेत्र के विस्तृत परिवार को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारत ने हमेशा इसमें सकारात्मक योगदान दिया है।" उन्होंने क्षेत्रीय सुरक्षा, आर्थिक सहयोग और संपर्क बढ़ाने पर जोर दिया।

नेताओं के बीच तनावपूर्ण माहौल

शिखर सम्मेलन में भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव साफ दिखाई दिया। पीएम मोदी और शहबाज शरीफ ने एक-दूसरे से कोई बातचीत नहीं की, जो पहलगाम हमले के बाद दोनों देशों के बीच बढ़े तनाव को दर्शाता है। एक तस्वीर में मोदी कजाकिस्तान के राष्ट्रपति से चर्चा करते दिखे, जबकि शहबाज शरीफ उनकी ओर पीठ करके खड़े थे। समूह तस्वीर में भी दोनों नेताओं को एक-दूसरे से दूर रखा गया।
SCO शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का यह संबोधन न केवल भारत के आतंकवाद विरोधी रुख को मजबूती से सामने लाया, बल्कि पाकिस्तान को वैश्विक मंच पर कठघरे में खड़ा करने में भी सफल रहा। पहलगाम हमले के बाद भारत की जवाबी कार्रवाई और SCO की एकजुटता ने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहमति को और मजबूत किया है।
इस बीच, SCO शिखर सम्मेलन के अंत में जारी तियानजिन घोषणा में पहलगाम आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की गई। घोषणा में कहा गया कि इस हमले के अपराधियों, आयोजकों और प्रायोजकों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए। यह भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक जीत मानी जा रही है, क्योंकि पाकिस्तान, जो लंबे समय से भारत के खिलाफ आतंकवाद को समर्थन देने का आरोपित है, भी SCO का सदस्य है।