हिजाब पर देशभर में बहस जारी है और इसी दौरान चुपके से भगवा झंडे के मामले को एक एजेंडे के तहत आगे बढ़ाया जा रहा है। लेकिन इसी के साथ वो बहस भी जिन्दा हो गई है कि आरएसएस ने कभी भी देश के तिरंगे झंडे का सम्मान नहीं किया। आरएसएस के संस्थापक गोलवलकर तो इसे हिन्दुओं का अपमान वाला झंडा बता चुके हैं। उन्होंने कहा था कि भारत के हिन्दुओं को सिर्फ भगवा ही स्वीकार है।
ज़हरीलेः लाल किले पर तिरंगे की जगह भगवा, संघ का पुराना एजेंडा फिर सामने आया
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- 29 Mar, 2025
शिमोगा के कॉलेज में भगवा फहराए जाने और कर्नाटक के मंत्री का लालकिले पर भगवा फहराने का बयान देने के बाद आरएसएस का पुराना एजेंडा फिर से सामने आ गया है।

कर्नाटक के ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री के.एस. ईश्वरप्पा ने कल बयान दिया था कि किसी दिन दिल्ली के लाल किले पर भगवा झंडा फहराया जाएगा। इसके बाद भविष्य में भगवा ही राष्ट्रीय ध्वज बन जाएगा। ईश्वरप्पा का यह बयान शिमोगा में एबीवीपी समर्थकों द्वारा एक कॉलेज में भगवा झंडा फहराने के बाद आया था। हालांकि कर्नाटक का के इस मंत्री को शायद यह तथ्य नहीं पता कि आरएसएस ने 52 वर्षों बाद 2002 में अपने नागपुर मुख्यालय में तिरंगा फहराया था।