loader

पटाखे खूब फोड़ें लेकिन पौधे भी लगाएं: साध्वी प्रज्ञा

भोपाल से बीजेपी की सांसद साध्वी प्रज्ञा ने कहा है कि हिंदुओं को अपने त्योहारों को मनाने का पूरा अधिकार है और हम उस अधिकार का उपयोग करते हुए पूरे उत्साह के साथ दीवाली मनाएंगे। उन्होंने देशभर के लोगों से कहा कि वे सभी उत्साह से दीवाली मनाएं और खूब पटाखे फोड़ें लेकिन अपने पर्यावरण को बचाने के लिए अधिक से अधिक पौधे भी लगाएं, जो वृक्ष बनकर ऑक्सीजन देंगे। 

उन्होंने कहा कि बाकी धर्मों के त्योहारों पर कोई टीका-टिप्पणी नहीं करता लेकिन हिंदुओं के त्योहारों जैसे- दीवाली पर, नवरात्रि पर, सावन मास पर कुछ लोग कटाक्ष करना शुरू कर देते हैं। उन्होंने कहा कि यह समझ नहीं आता कि ऐसे लोगों को हमारे त्योहारों से आखिर क्यों तकलीफ होती है। 

साध्वी प्रज्ञा ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव में वरिष्ठ कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को भोपाल संसदीय सीट से चुनाव हराया था। 

ताज़ा ख़बरें

बताना होगा कि वायु प्रदूषण की वजह से लोगों के स्वास्थ्य पर लगातार खराब असर पड़ रहा है और बीते कुछ सालों से दीवाली के मौके पर दिल्ली-एनसीआर में पटाखों को जलाने पर रोक लगा दी जाती है। बीते साल भी दिल्ली में दीवाली पर जले पटाखों के बाद काफी दिन तक प्रदूषण की मोटी चादर छाई रही थी और सुप्रीम कोर्ट ने उस दौरान लगातार इस मामले में टिप्पणी की थी और संबंधित एजेंसियों को सख्त से सख्त कदम उठाने के लिए कहा था। 

अदालत ने पराली जलाने के मुद्दे पर भी सुनवाई की थी और इस समस्या का स्थाई हल न खोजने के लिए अफसरों को लताड़ लगाई थी।

इस साल जून में शिकागो विश्वविद्यालय में ऊर्जा नीति संस्थान के द्वारा जारी की गई वायु गुणवत्ता जीवन सूचकांक की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदूषित हवा भारतीयों की जिंदगी के 5 साल कम कर रही है। 

दीवाली के बाद दिल्ली-एनसीआर के साथ ही देश के कई शहरों में पीएम 2.5 और पीएम 10 की मात्रा बढ़ जाती है। पीएम यानी पर्टिकुलेट मैटर वातावरण में मौजूद बहुत छोटे कण होते हैं जिन्हें आप साधारण आंखों से नहीं देख सकते। पीएम 2.5 दुनिया के प्रमुख वायु प्रदूषकों में से एक है। पीएम10 मोटे कण होते हैं। दो तरह के प्रदूषण फैलाने वाले तत्व हैं। एक तो पराली जलाने, वाहनों के धुएं व पटाखे जलाने के धुएं से निकलने वाली ख़तरनाक गैसें और दूसरा निर्माण कार्यों व सड़कों से उड़ने वाली धूल। 

देश से और खबरें

विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ के अनुसार, सूक्ष्म कणों के लगातार संपर्क में रहने से हृदय और सांस से जुड़ी बीमारियों व फेफड़ों के कैंसर का ख़तरा होता है।

द लैंसेट प्लैनेटरी हेल्थ में प्रकाशित द लैंसेट कमीशन ऑन पॉल्यूशन एंड हेल्थ ने इस साल मई में कहा था कि 2019 में प्रदूषण के कारण भारत में 23 लाख से अधिक लोगों की अकाल मृत्यु हुई। यह दुनिया में सबसे ज़्यादा है। दुनिया भर में ऐसी 90 लाख मौतों में से एक चौथाई से अधिक भारत में हुई हैं। इसमें भी चौंकाने वाले तथ्य ये हैं कि 2019 में प्रदूषण से भारत में हुई कुल मौतों में से 16.7 लाख मौतें सिर्फ वायु प्रदूषण से हुई थी। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें