Trump Tariffs and Indian Deal:डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि अमेरिका-भारत व्यापार समझौता जल्द ही होने वाला है, लेकिन उन्होंने इंडोनेशिया पर 19% टैरिफ लगा दिया है। क्या भारत को भी इसी तरह के कड़े टैरिफ का सामना करना पड़ेगा?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत-अमेरिका व्यापार समझौते को लेकर चर्चा छेड़ दी है। उन्होंने कहा कि भारत के साथ जल्द ही एक बड़ा डील हो सकता है, लेकिन साथ ही उन्होंने इंडोनेशिया पर 19% का टैरिफ लगाकर भारत के लिए चेतावनी भरी संकेत दे दिए हैं।
इंडोनेशिया पर सख्त टैरिफ, भारत के लिए खतरा?
ट्रंप प्रशासन ने इंडोनेशिया से आयात होने वाले कई उत्पादों पर 19% का टैरिफ लगा दिया है, जबकि अमेरिका को इंडोनेशिया जीरो टैरिफ पर एक्सेस देता है। ट्रंप ने इसे अन्यायपूर्ण व्यापार प्रथा बताते हुए कड़ी कार्रवाई की है। अब चिंता यह है कि अगर भारत के साथ भी ऐसी ही शर्तें रखी गईं, तो भारतीय निर्यात को भारी नुकसान हो सकता है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका-इंडोनेशिया व्यापार समझौते (US-Indonesia trade deal) के तहत, अमेरिका को एशियाई देशों के बाजारों तक पूरी पहुँच होगी और उसे कोई शुल्क नहीं देना होगा। दूसरी ओर, इंडोनेशिया को 19 प्रतिशत शुल्क देना होगा।
ट्रंप ने कहा, "हमने इंडोनेशिया के साथ समझौता किया है। मैंने उनके राष्ट्रपति से बात की... और हमने समझौता कर लिया। हमें इंडोनेशिया तक, हर चीज़ तक पूरी पहुँच है। जैसा कि आप जानते हैं, इंडोनेशिया तांबे के मामले में बहुत मज़बूत है, लेकिन हमें हर चीज़ तक पूरी पहुँच है। हम कोई टैरिफ नहीं देंगे। वे हमें इंडोनेशिया तक पहुँच दे रहे हैं, जो हमें पहले कभी नहीं मिली। शायद यही इस समझौते का सबसे बड़ा हिस्सा है।"
इसी क्रम में, अमेरिकी राष्ट्रपति ने अमेरिका-भारत के बीच ट्रेड डील पर चल रही बातचीत की जानकारी देते हुए कहा कि भारत को लेकर भी "मूल रूप से उसी दिशा में काम हो रहा है।" अमेरिकी राष्ट्रपति ने संवाददाताओं से कहा, "हमें भारत तक पहुँच मिलेगी। आपको समझना होगा कि इनमें से किसी भी देश तक हमारी पहुँच नहीं थी। हमारे लोग वहाँ नहीं जा सकते थे, और अब हम टैरिफ़ के ज़रिए जो कर रहे हैं, उसके कारण हमें वहाँ तक पहुँच मिल रही है।" यानी अगर इंडोनेशिया जैसी डील भारत के साथ अमेरिका ने की तो भारतीय कंपनियों को भारी नुकसान होने वाला है।
भारत की चिंताएं बढ़ीं
भारत और अमेरिका के बीच पहले से ही कई व्यापार मुद्दों पर तनाव रहा है, जिसमें मेडिकल डिवाइस की कीमतें, डिजिटल टैक्स और कृषि उत्पादों तक पहुंच शामिल हैं। अगर अमेरिका भारत पर भी 19% जैसे भारी टैरिफ लगाता है, तो भारतीय आईटी, फार्मा और हस्तशिल्प उद्योग को बड़ा झटका लग सकता है।
क्या होगा भारत का अगला कदम?
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत सरकार इस मामले में सतर्क रुख अपनाएगी और अमेरिका के साथ बातचीत करके नरमी बरतने की कोशिश करेगी। वाणिज्य मंत्रालय ने अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक, भारत अमेरिका के साथ संतुलित व्यापार समझौते की दिशा में काम कर रहा है।
अगर ट्रंप प्रशासन ने भारत पर भी सख्त टैरिफ लगाए, तो यह दोहर ट्रेड वॉर का कारण बन सकता है, जिससे दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को नुकसान होगा। अब सवाल यह है कि क्या भारत और अमेरिका इस मुद्दे पर सहमति बना पाएंगे या नहीं।
नाटो की भारत, चीन और ब्राजील को धमकी
इस बीच, नाटो महासचिव मार्क रूट ने ब्राज़ील, चीन और भारत को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर वे रूस के साथ व्यापार जारी रखते हैं तो उन्हें गंभीर आर्थिक दंड का सामना करना पड़ सकता है। बुधवार को अमेरिकी सीनेटरों से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बात करते हुए, रूट ने बीजिंग, दिल्ली और ब्राज़िल के नेताओं से रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर शांति वार्ता को गंभीरता से लेने के लिए दबाव डालने का आग्रह किया। रूट ने कहा, "अगर आप चीन के राष्ट्रपति, भारत के प्रधानमंत्री या ब्राज़ील के राष्ट्रपति हैं और रूस के साथ व्यापार करना और उनका तेल व गैस खरीदना जारी रखते हैं, तो आपको पता होना चाहिए: अगर मास्को में बैठा व्यक्ति शांति वार्ता को गंभीरता से नहीं लेता है, तो मैं 100 प्रतिशत सेकंडरी प्रतिबंध लगा दूँगा।"
रूट ने तीनों देशों के नेताओं से पुतिन से शांति वार्ता के लिए सीधे आग्रह करने का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा, "तो कृपया व्लादिमीर पुतिन को फ़ोन करें और उन्हें बताएँ कि उन्हें शांति वार्ता के बारे में गंभीर होना होगा, क्योंकि अन्यथा इसका ब्राज़ील, भारत और चीन पर व्यापक असर पड़ेगा।"