सावरकर मानहानि केस में राहुल गांधी की जान को ख़तरा होने के उनके वकील के दावे को कांग्रेस ने खारिज कर दिया है। पार्टी ने कहा है कि वकील ने बिना राहुल गांधी की सहमति के ही उनकी जान को ख़तरा बताते हुए अदालत में लिखित बयान दाखिल किया था। राहुल के वकील ने पहले यह आरोप सावरकर के खिलाफ की गई अपनी टिप्पणियों से जुड़े एक मानहानि मामले की सुनवाई के दौरान लगाया था। उन्होंने दावा किया था कि नाथूराम गोडसे और गोपाल गोडसे के वंशज सत्यकी सावरकर और कुछ बीजेपी नेताओं की टिप्पणियों के कारण उनकी जान को ख़तरा है। इस मामले ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी। इसके बाद कांग्रेस की सफाई आई।

कांग्रेस की वरिष्ठ प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने सोशल मीडिया एक्स पर राहुल के वकील का लिखित बयान शेयर करते हुए लिखा है, 'श्री राहुल गांधी के वकील ने राहुल जी की सहमति के बिना उनकी जान को खतरा बताते हुए अदालत में एक लिखित बयान (पर्सिस) दाखिल किया था। राहुल गांधी इससे पूरी तरह असहमत हैं। वकील कल अदालत से यह लिखित बयान वापस ले लेंगे।'

सावरकार मानहानि केस क्या है?

सावरकार मानहानि का यह मामला मार्च 2023 में लंदन में राहुल गांधी के एक भाषण से जुड़ा है। शिकायतकर्ता सत्यकी सावरकर विनायक दामोदर सावरकर के परपोते हैं। उन्होंने दावा किया कि राहुल गांधी ने अपने भाषण में सावरकर के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां कीं। सत्यकी का कहना है कि राहुल ने सावरकर की किताब का हवाला देते हुए कहा था कि सावरकर और उनके कुछ साथियों ने एक मुस्लिम व्यक्ति पर हमला किया और उन्हें इसमें 'खुशी' महसूस हुई। सत्यकी ने इन टिप्पणियों को झूठा और अपमानजनक बताते हुए राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया। 

इसके अलावा राहुल गांधी ने 17 नवंबर 2022 को भारत जोड़ो यात्रा के दौरान महाराष्ट्र के अकोला में एक रैली में सावरकर को ‘अंग्रेजों का नौकर’ और ‘पेंशन लेने वाला’ कहा था। राहुल के इस बयान को लेकर भी विवाद हुआ था।
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राहुल के वकील का क्या था दावा?

पहले राहुल गांधी के वकील मिलिंद दत्तात्रय पवार ने पुणे की विशेष एमपी-एमएलए अदालत में एक अर्जी दाखिल की थी। इस अर्जी में उन्होंने कहा था कि शिकायतकर्ता सत्यकी सावरकर ने 29 जुलाई को दाखिल अपने दस्तावेजों में स्वीकार किया है कि वह नाथूराम गोडसे और गोपाल गोडसे के मातृवंश से जुड़े हैं, जो महात्मा गांधी की हत्या के मुख्य आरोपी थे। उन्होंने दावा किया कि शिकायतकर्ता की इस पारिवारिक पृष्ठभूमि में ‘हिंसा और असंवैधानिक प्रवृत्तियों का इतिहास’ रहा है, जिसके कारण उन्हें अपनी जान का डर है।

राहुल की तरफ़ से उनके वकील ने अर्जी में कहा था, ‘शिकायतकर्ता की वंशावली और मौजूदा राजनीतिक माहौल को देखते हुए मेरे खिलाफ नुकसान, गलत फंसाने या अन्य तरह के हमलों का साफ़ और वाजिब खतरा है।’ उन्होंने यह भी कहा था कि महात्मा गांधी की हत्या एक सोची-समझी साजिश थी, जो एक खास विचारधारा से जुड़ी थी। उन्होंने अदालत से अनुरोध किया था कि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए ताकि सुनवाई निष्पक्ष और पारदर्शी हो।
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‘बीजेपी नेताओं के बयान से ख़तरा बढ़ा’

अर्जी में दो बीजेपी नेताओं की टिप्पणियों का हवाला दिया गया था, जिन्हें धमकी के रूप में बताया गया। पहली टिप्पणी केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू की थी। उन्होंने राहुल को ‘देश का नंबर एक आतंकवादी’ कहा। दूसरी टिप्पणी बीजेपी नेता तरविंदर सिंह मारवाह की थी, जिन्होंने कथित तौर पर कहा कि राहुल को ‘अच्छा व्यवहार करना चाहिए, वरना उनकी दादी इंदिरा गांधी जैसा हश्र हो सकता है।’ वकील ने कहा था कि ये धमकियां उनकी हाल की राजनीतिक गतिविधियों, खासकर ‘वोट चोरी’ के उनके आरोपों और संसद में हिंदुत्व पर दिए बयान के जवाब में आई हैं।
राहुल ने हाल ही में संसद में कहा था, 
एक सच्चा हिंदू कभी हिंसक नहीं होता। हिंदू नफरत नहीं फैलाता। बीजेपी नफरत और हिंसा फैलाती है, इसलिए वह हिंदुओं का प्रतिनिधित्व नहीं करती।
राहुल गांधी
लोकसभा में विपक्ष के नेता
संसद में दिए गए राहुल के इस बयान पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और सांसद सुधांशु त्रिवेदी जैसे बीजेपी नेताओं ने तीखी आलोचना की थी।

राहुल किस तरह हमलावर हैं?

राहुल गांधी ने हाल ही में चुनाव आयोग पर ‘वोट चोरी’ के आरोप लगाए हैं। उन्होंने 11 अगस्त को संसद में ‘वोट चोर सरकार’ का नारा दिया और दावा किया कि उनके पास चुनावी अनियमितताओं के सबूत हैं। उनकी अर्जी में कहा गया कि इन आरोपों ने उनके राजनीतिक विरोधियों को भड़काया है, जिससे उनकी जान को और खतरा बढ़ गया है।

उन्होंने यह भी कहा कि वह गरीबों और हाशिए पर रहने वालों के लिए आवाज उठा रहे हैं, जिसके कारण जातिवादी चरमपंथी, राजनीतिक रूप से प्रेरित लोग और हिंदुत्व समर्थक उनके खिलाफ हो सकते हैं।

सत्यकी सावरकर का जवाब

शिकायतकर्ता सत्यकी सावरकर ने राहुल की अर्जी को निराधार और मामले को टालने की कोशिश करार दिया है। उन्होंने कहा कि राहुल की अर्जी में उठाए गए मुद्दों का वर्तमान मानहानि मामले से कोई लेना-देना नहीं है।
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एक्स पर इस मामले को लेकर तीखी बहस छिड़ी हुई है। बीजेपी समर्थकों ने राहुल के दावों को नाटक और ध्यान भटकाने की रणनीति बताया है। बीजेपी ने कहा है कि राहुल बिना सबूत के आरोप लगाते हैं और जवाब मांगने पर भाग जाते हैं। दूसरी ओर, कांग्रेस समर्थकों ने राहुल के दावों का समर्थन किया। कुछ यूजरों ने राहुल के बयान का ज़िक्र करते हुए कहा कि वह आग से खेल रहे हैं और डरने वाले नहीं हैं। एक अन्य यूज़र ने राहुल के निर्वाचन आयोग को धमकाने के दावे को गंभीर बताया।

अदालत में अब क्या होगा?

पुणे की विशेष अदालत ने राहुल गांधी के वकील की अर्जी को रिकॉर्ड पर लिया, लेकिन अब गुरुवार को वकील द्वारा इस ताज़ा अर्जी को वापस लिए जाने के बाद अब अदालत इस मामले में आगे की कार्यवाही तय करेगी। राहुल को इस मामले में पहले ही जमानत मिल चुकी है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने 25 जुलाई को लखनऊ में सावरकर से जुड़े एक अन्य मानहानि मामले में राहुल के खिलाफ जारी समन पर रोक लगा दी थी।