कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को दिल्ली के प्रदूषण पर झकझोरने वाला वीडियो जारी किया। राहुल ने दिल्ली में तेजी से बढ़ते वायु प्रदूषण संकट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की "चुप्पी" की कड़ी आलोचना की। उन्होंने संसद में "हेल्थ इमरजेंसी" पर तत्काल और विस्तृत चर्चा की मांग की। संसद का शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर से शुरू हो रहा है।

गांधी ने अपने बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित कुछ माताओं का एक समूह से मुलाकात की और इस बातचीत का वीडियो साझा करते हुए कहा कि पूरी राजधानी में परिवार "थक चुके, डरे हुए और गुस्से में" हैं, क्योंकि उनके बच्चे "ज़हरीली हवा" में सांस लेते हुए बड़े हो रहे हैं।

राहुल गांधी ने एक्स पर एक पोस्ट में पूछा- "मोदी जी, भारत के बच्चे हमारे सामने दम घोंट रहे हैं। आप कैसे चुप रह सकते हैं? आपकी सरकार फौरन एक्शन में क्यों नहीं आती, कोई योजना क्यों नहीं, कोई जवाबदेही क्यों नहीं?" 
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उन्होंने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए एक सख्त और लागू करने योग्य राष्ट्रीय कार्य योजना की भी मांग की। दिल्ली पिछले दो सप्ताह से "बहुत खराब" से "गंभीर" वायु गुणवत्ता से जूझ रही है। डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि लंबे समय तक संपर्क से वायुमार्ग में सूजन, फेफड़ों की कार्यक्षमता में कमी और पहले से मौजूद श्वसन तथा हृदय संबंधी स्थितियों में बिगड़ाव हो रहा है। उन्होंने विशेष रूप से बच्चों, धूम्रपान करने वालों, अस्थमा रोगियों और कमजोर समूहों के लिए नियमित जांच की आवश्यकता पर जोर दिया।



दिल्ली-एनसीआर में ज़हरीली हवा की ताज़ा स्थिति

28 नवंबर को दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की स्थिति फिर से बिगड़ गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, सुबह 8 बजे दिल्ली का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 384 के आसपास पहुंच गया, जो "बहुत खराब" श्रेणी में आता है। 39 निगरानी स्टेशनों में से 19 पर एक्यूआई 400 से अधिक दर्ज किया गया, जो "गंभीर" श्रेणी में है। पड़ोसी शहरों में भी हालात खराब हैं: नोएडा में एक्यूआई 404 (गंभीर), ग्रेटर नोएडा में 377 (बहुत खराब) और गाजियाबाद में 350 (बहुत खराब)। ठंडी सुबह के साथ न्यूनतम तापमान 8.1 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 2.2 डिग्री कम है, जिससे प्रदूषक तत्वों का जमाव बढ़ गया। यह स्थिति पिछले 15 दिनों से बनी हुई है, और गुरुवार को एक्यूआई 377 था, जो बुधवार के 327 से बढ़ा।

दिल्ली पुलिस पर छात्रों, युवकों को पीटने का आरोप है। जिसके गवाह फोटो और वीडियो हैं। फाइल फोटो

दिल्ली पुलिस ने जनता के गुस्से को कुचला

दिल्ली में वायु प्रदूषण के खिलाफ आवाज उठाने वाले लोगों ने 23 नवंबर को इंडिया गेट पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन का आयोजन किया, लेकिन यह जल्द ही हिंसक हो गया। प्रदर्शनकारियों, ज्यादातर छात्रों और वामपंथी संगठनों से जुड़े लोगों ने सरकार से सख्त कदम उठाने की मांग की। पुलिस का दावा है कि प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड तोड़े, सड़कें जाम कीं और मिर्च स्प्रे का इस्तेमाल कर 10 पुलिसकर्मियों पर हमला किया। इसके अलावा, कुछ वीडियो में माओवादी कमांडर माडवी हिडमा के समर्थन में नारे लगाने के आरोप लगे, जिसके बाद पुलिस ने "नक्सल लिंक" की जांच शुरू कर दी। हालांकि सोशल मीडिया पर लोगों ने लिखा है कि इस प्रदर्शन को बदनाम करने के लिए कुछ लोगों ने पोस्टर के साथ घुसपैठ की और नक्सली नेता के समर्थन में नारे लगाए।


इंडिया गेट पर दिल्ली के ज़हरीले प्रदूषण के खिलाफ प्रदर्शन। फाइल फोटो

दिल्ली पुलिस ने कम से कम 17-22 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। प्रदर्शन को बिना अनुमति के आयोजित करने के आरोप में उन्हें हिरासत में लिया गया। अदालत ने चार प्रदर्शनकारियों को दो दिनों की पुलिस हिरासत और 13 को न्यायिक हिरासत में भेज दिया। जेएनयू छात्रसंघ ने पुलिस के आरोपों को खारिज करते हुए हिरासत में लिए गए छात्रों की रिहाई की मांग की। पूर्व में 9 नवंबर को भी इसी तरह का प्रदर्शन हुआ था, जहां करीब 100 लोगों को हिरासत में लिया गया था। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पुलिस ने उन्हें पीटा, घसीटा और मिर्च स्प्रे का इस्तेमाल किया, जबकि पुलिस का दावा है कि प्रदर्शनकारियों ने ही स्प्रे का उपयोग किया। यह घटना प्रदूषण के खिलाफ नागरिक आंदोलन को दबाने की कोशिश के रूप में देखी जा रही है।

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पर्यावरण के मोर्चे पर राहुल गांधी की सक्रियता

लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी भारत में पर्यावरण के मुद्दों पर सबसे मुखर आवाज़ों में से एक बन चुके हैं। राहुल पर्यावरणीय विनाश को जन-स्वास्थ्य, आजीविका और सामाजिक न्याय के लिए सीधा ख़तरा मानते हैं। महात्मा गांधी की सादगी, स्वदेशी और प्रकृति के साथ सामंजस्य की विरासत से प्रेरित होकर राहुल गांधी का फोकस वायु प्रदूषण, तटीय संरक्षण, जलवायु नीति और सतत विकास पर रहा है। 

बिहार में हाल ही में मखाना श्रमिकों और मछुआरों से उनकी मुलाकात सुर्खियों में रही है। हालांकि इसे बिहार चुनाव से जोड़ा गया। लेकिन किसी अन्य दल के नेता ने मखाना और मछुआरों के मुद्दों को नहीं उठाया। मखाना श्रमिकों से मिलने के बाद मोदी सरकार ने मखाना बोर्ड बनाने की घोषणा की। कई सारी योजनाएं घोषित कीं, जिन पर अभी काम शुरू होना है। इसके अलावा गोवा में कोयला खदान का विरोध किया, जिसकी वजह से मछुआरे प्रभावित हो रहे थे। केरल में अडानी पोर्ट का विरोध भी इसी चिन्ता का हिस्सा था।