Reliance Vantara Controversy: सुप्रीम कोर्ट की SIT ने रिलायंस के वनतारा चिड़ियाघर से 200 सवाल पूछे हैं। जिसमें वित्तीय अनियमितताओं, जानवरों के साथ दुर्व्यवहार और वन्यजीव कानूनों के उल्लंघन के आरोप शामिल हैं।
वनतारा चिड़ियाघर जामनगर में पीएम मोदी के साथ अनंत अंबानी का फाइल फोटो
रिलायंस का वनतारा चिड़ियाघर क्या 200 सवालों के जवाब दे पाएगा। वनतारा पर लगे आरोपों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम बनाई थी। उसने वनतारा के खिलाफ जांच के लिए एनिमल रेस्क्यू और रिहैबिलिटेशन सेंटर के मैनेजमेंट को लेकर ये सवाल की सूची तैयार कर ली है । इन सवालों में पैसे के लेन-देन, जानवरों की विदेश से खरीद, वन्यजीव और ज़ू से जुड़े नियमों का पालन, रहने की सुविधाएँ, और देश के अंदर या विदेश से जानवर लाने-ले जाने की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जवाब माँगे गए हैं ।
पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस पंकज मित्तल और पी.बी. वराले की बेंच ने कुछ याचिकाओं की सुनवाई की थी। जिनमें भारत और विदेश से जानवरों की खरीद में नियमों का पालन न होना, जानवरों के साथ बुरा व्यवहार, वित्तीय गड़बड़ियां और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगाए गए थे। साथ ही इनमें वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 और ज़ू से जुड़े अन्य नियमों का पालन न होने के सवाल भी उठाए गए थे।
इस पर बेंच ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जे. चेलमेश्वर की अध्यक्षता में एक SIT बनाने का फैसला किया। बेंच ने हालांकि ये भी कहा कि अभी ये केवल “आरोप” हैं और इन्हें साबित करने के लिए कोई “सपोर्टिंग सामग्री” मौजूद नहीं है। पूर्व जज चेलमेश्वर की अध्यक्षता वाली SIT ने पिछले हफ्ते तीन दिन वनतारा और उसकी सुविधाओं का निरीक्षण किया। SIT में उत्तराखंड और तेलंगाना हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस राघवेंद्र चौहान, पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर हेमंत नगराले और अतिरिक्त कस्टम कमिश्नर अनीश गुप्ता भी शामिल हैं। टीम ने सेंटर के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर, डायरेक्टर और सीनियर अधिकारियों से मुलाकात की।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक SIT के सदस्य जानवरों के ट्रांसफर, फंडिंग, पशु इलाज और कानूनी अनुमति से जुड़े दस्तावेजों की जांच कर रहे हैं। साथ ही SIT ने बाड़े, क्वारंटीन सुविधाएँ और मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर का भी निरीक्षण किया ताकि ये देखा जा सके कि वन्यजीव संरक्षण कानून, ज़ू के नियम और अंतरराष्ट्रीय समझौतों का सही तरीके से पालन हो रहा है या नहीं।
ईडी से भी मदद लेगी एसआईटी
SIT ने इस जांच में मदद के लिए 16 और एजेंसियों को भी शामिल किया है। SIT में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI), प्रवर्तन निदेशालय (ED), वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो, राजस्व खुफिया निदेशालय, कस्टम्स और गुजरात पुलिस शामिल हैं । साथ ही त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश और असम के वन और वन्यजीव विभाग के अधिकारियों को भी बुलाया गया है ताकि ये जांच की जा सके कि उन राज्यों से हाथियों और दूसरी प्रजातियों को जामनगर कैसे लाया गया। SIT अधिकारी ने ये भी बताया कि SIT जानवरों के अंतरराष्ट्रीय ट्रांसफर की भी जांच करेगी। SIT का मकसद है दस्तावेज़ के साथ सही जवाब मांगना और टीम ने ये भी साफ किया कि जब वनतारा सवालों के जवाब में दावे पेश करेगा तो वो दावों की फिर से जांच करेगी ।इस मामले पर वनतारा के एक प्रवक्ता ने मीडिया से कहा कि “हम सम्मानपूर्वक मानते हैं कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश सर्वोच्च है। वनतारा पारदर्शिता, सहानुभूति और कानून का पूरी तरह पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है” । वनतारा के प्रवक्ता ने ये भी कहा कि “हमारा मिशन और ध्यान हमेशा जानवरों के बचाव, पुनर्वास और देखभाल पर है। हम स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम के साथ पूरा सहयोग करेंगे और अपना काम ईमानदारी से जारी रखेंगे, हमेशा जानवरों की भलाई को हमारी सभी कोशिशों के केंद्र में रखते हुए। हम अनुरोध करते हैं कि इस प्रक्रिया को बिना अटकलों के और उन जानवरों के हित में पूरा होने दिया जाए, जिनकी हम देखभाल करते हैं।
दरअसल अगस्त की शुरुआत में ही महाराष्ट्र के कोल्हापुर में लोग वनतारा और रिलायंस जियो के खिलाफ सड़कों पर उतर आए थे। स्थानीय लोगों ने एक बड़ी मौन रैली निकाली। ये सब हुआ एक हथिनी महादेवी यानी माधुरी के लिए। महादेवी को बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश पर वनतारा चिड़ियाघर और रिहैबिलिटेशन सेंटर में भेजा गया था। लेकिन महादेवी को वहाँ जाना रास नहीं आया और वो बीमार हो गई। जब लोगों को पता चला तो वो गुस्से में आ गए। क्योंकि महादेवी को कोल्हापुर में लोग बहुत मानते थे। फिर क्या था, महादेवी को वापस कोल्हापुर लाने के लिए आंदोलन शुरू हो गया। इस मौन मार्च का नेतृत्व पूर्व सांसद और स्वाभिमानी किसान संगठन के नेता राजू शेट्टी ने किया। इस आंदोलन के दौरान ही कोल्हापुर के करीब डेढ़ लाख लोगों ने अपना नंबर जियो से दूसरी कंपनी में पोर्ट कर दिया।
अब जब वनतारा की जांच का आश्वासन दिया जा रहा है तो लोगों को बहुत उम्मीद है कि वनतारा में रखे गए जानवरों के साथ न्याय हो पाएगा।