क्या सलाफ़ी इसलाम भारत में अपने पैर तेज़ी से पसार रहा है? क्या भारत में जिस सूफ़ी प्रभाव वाले इसलाम को मानने वाले करोड़ों लोग सदियों से दूसरे धर्मों के लोगों के साथ मेलजोल और भाईचारे के साथ रहते हैं, उसकी जगह लेने के लिए कट्टर और दकियानूसी इसलाम आगे आ रहा है? ये सवाल अहम इसलिए हैं कि दक्षिण भारत और ख़ास कर केरल में अरबी प्रभाव वाले इसलाम का असर बढ़ रहा है। इसलाम के इस स्वरूप को मानने वाले लोग दूसरे धर्मों की तो बात ही क्या, अपने धर्म के भी उन लोगों को चुप कराने पर तुले हुए हैं जो उनके कट्टर विचारों से इत्तिफ़ाक नहीं रखते।