Sanchar Sathi App Controversy: सरकारी संचार साथी ऐप पर अभी तक सरकार की प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन बीजेपी इस ऐप के बचाव में उतर पड़ी है। बीजेपी ने कांग्रेस के इस दावे को खारिज किया कि दूरसंचार विभाग का संचार साथी ऐप एक "जासूसी उपकरण" है।
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान संचार साधी ऐप को लेकर विपक्ष और सत्ताधारी बीजेपी के बीच तीखी बयानबाजी हो रही है। कांग्रेस ने दूरसंचार विभाग (डीओटी) के इस ऐप को 'जासूसी ऐप' करार देते हुए इसका विरोध किया है, जबकि बीजेपी ने इसे नागरिकों की सुरक्षा बढ़ाने वाला कदम बताते हुए विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। बीजेपी का कहना है कि ऐप से गोपनीयता को कोई खतरा नहीं है, बल्कि यह डिजिटल सुरक्षा को मजबूत करेगा।
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने ऐप को 'जासूसी ऐप' बताते हुए डीओटी के नए मोबाइल हैंडसेट्स पर इसकी पूर्व-स्थापना के आदेश को 'हास्यास्पद' करार दिया। उन्होंने कहा, "सरकार देश को हर रूप में तानाशाही में बदल रही है। नागरिकों को परिवार और दोस्तों को संदेश भेजने का अधिकार है, बिना सरकारी निगरानी के।" कांग्रेस ने इस आदेश को असंवैधानिक बताते हुए तत्काल वापसी की मांग की है। पार्टी के एक सांसद ने इसे "खतरनाक और चिंताजनक" बताया।
संसद में ये मुद्दा उठाने के लिए नोटिस
इसके अलावा, सांसद रेणुका चौधरी ने राज्यसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दाखिल किया है, जिसमें सदन की कार्यवाही रोककर इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की गई है। कांग्रेस ने नियम 267 के तहत चर्चा का दबाव बनाया है, जिसके तहत अन्य सभी काम स्थगित कर इस विषय पर बहस हो। विपक्ष का आरोप है कि यह ऐप नागरिकों की निजता का उल्लंघन करता है और जासूसी का माध्यम बनेगा।
बीजेपी ने आरोपों को खारिज किया
बीजेपी ने विपक्ष के आरोपों को 'मौलिक' बताते हुए खारिज कर दिया। बीजेपी सांसद शशांक मणि त्रिपाठी ने कहा, "यह एक महत्वपूर्ण कदम है। मैं आईआईटी से हूं, इसलिए मुझे साइबर हमलों के प्रकार समझ हैं। यह संचार ऐप लोगों की सुरक्षा की भावना को बढ़ाएगा। हमारा डेटा लीक नहीं होगा और नागरिक सुरक्षा के हर पहलू को डिजिटल रूप से सुरक्षित किया जाएगा।" उन्होंने जोर देकर कहा, "गोपनीयता को कोई खतरा नहीं है। सभी जांच गोपनीयता को ध्यान में रखकर की गई हैं। सबसे बड़ा खतरा बाहरी ऐप्स से आता है, जिससे हम वर्षों से निपट रहे हैं। हमें स्वदेशी ऐप्स अपनाने चाहिए।"
इसके अलावा भी मुद्दे हैंः केंद्रीय मंत्री
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने भी विपक्ष पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "विपक्ष को नए मुद्दे गढ़कर संसद की कार्यवाही बाधित करने की जरूरत नहीं। सभी मुद्दे महत्वपूर्ण हैं, लेकिन संसद को ठप करने का हथकंडा ठीक नहीं। हम विपक्ष के नेताओं से बात करेंगे। मैं पहले से उनसे संपर्क में हूं। उनके मुद्दों को कमतर नहीं आंका जा रहा, लेकिन देश में कई मुद्दे हैं, सिर्फ एक नहीं।"
दूर संचार मंत्रालय के अफसरों का कहना है कि संचार साधी ऐप दूरसंचार विभाग द्वारा विकसित एक संचार ऐप है, जिसे नए मोबाइल हैंडसेट्स पर पूर्व-स्थापित करने का आदेश दिया गया है। इसका उद्देश्य डिजिटल सुरक्षा बढ़ाना और डेटा चोरी रोकना बताया जा रहा है। विवाद संसद के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन भड़का, जब विपक्ष ने कार्यवाही स्थगित करने की कोशिश की। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बहस गोपनीयता बनाम सुरक्षा बन गई है। जिसमें विपक्ष की चिंता वाजिब है।
इस मुद्दे पर संसद में चर्चा की मांग तेज हो गई है, और विपक्ष का कहना है कि बिना बहस के आदेश लागू नहीं हो सकता। दूसरी ओर, सरकार इसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ रही है। मामला अभी सुलझा नहीं है, और संसदीय कार्यवाही पर इसका असर पड़ सकता है।