सुप्रीम कोर्ट ने अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर अली ख़ान महमूदाबाद को बड़ी राहत देते हुए उन्हें ऑनलाइन पोस्ट करने की छूट दी, लेकिन हरियाणा पुलिस की एसआईटी को जाँच में देरी और पड़ताल को ग़लत दिशा में ले जाने की कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने प्रोफ़ेसर को बार-बार समन पर भी रोक लगाई है।
सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी को फटकारा, प्रो. महमूदाबाद को दी राहत
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- 16 Jul, 2025
Ali Khan Mahmudabad Case: अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद के मामले में क्या एसआईटी के पास सबूत नहीं है? आख़िर सुप्रीम कोर्ट ने उसकी खिंचाई क्यों की और महमूदाबाद को बड़ी राहत क्यों दी?

अशोका यूनिवर्सिटी के राजनीति विज्ञान विभाग के प्रमुख और एसोसिएट प्रोफ़ेसर अली ख़ान महमूदाबाद को 18 मई 2025 को हरियाणा पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार किया था। उनके ख़िलाफ़ सोनीपत के राय पुलिस स्टेशन में दो एफ़आईआर दर्ज की गई थीं। इसमें उनकी सोशल मीडिया पोस्ट को ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में आपत्तिजनक और राष्ट्रीय अखंडता के लिए ख़तरा बताया गया था। इन पोस्ट में प्रोफेसर ने भारतीय सेना की रणनीतिक संयम की प्रशंसा की थी, लेकिन साथ ही 'युद्धोन्माद और दिखावे वाली देशभक्ति' के खिलाफ चेतावनी दी थी। उन्होंने कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह जैसी महिला अधिकारियों को प्रेस ब्रीफिंग में शामिल करने की सराहना की थी, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि अगर जमीनी स्तर पर बदलाव न लाया जाए तो यह 'पाखंड' की तरह है।