भारत के चुनाव आयोग में जनता का भरोसा तेजी से गिरा है। द हिंदू में प्रकाशित CSDS Lokniti Survey यही बता रहा है। ये हालात ईसीआई के विशेष मतदाता सूची संशोधन अभियान (एसआईआर) के बाद बने हैं। बिहार एसआईआर गरीब तबके में जबरदस्त आलोचना का विषय बन गया है। एसआईआर में जिन दस्तावेजों की जरूरत है, गरीब और हाशिए पर रहने वाले समुदायों के पास वो दस्तावेज नहीं हैं। इसलिए उनके मताधिकार पर खतरा मंडरा रहा है। इस अभियान में मतदाता सूची को पूरी तरह ठीक करने के लिए जिन दस्तावेजों की मांग की जा रही है, जिसके अभाव में लाखों लोग मतदाता सूची से बाहर हो सकते हैं। यह स्थिति न केवल गरीबों के लिए खतरा है, बल्कि निर्वाचन आयोग की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठा रही है। हालात ये हैं कि बिहार में गरीब तबके और हाशिए पर रहने वालों के पास आधार, पैन और राशन कार्ड जैसे दस्तावेज भी नहीं हैं।