प्रवासी मजदूरों की घर वापसी के मुद्दे पर कांग्रेस मोदी सरकार पर हमलावर हो गई है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के इस बयान के बाद कि प्रवासी मजदूरों का उनके राज्यों में आने का ट्रेन ख़र्च कांग्रेस उठाएगी, पार्टी के कई नेताओं ने बीजेपी और मोदी सरकार पर तीख़ा हमला बोला है। 

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता, पी. चिदंबरम, पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने केंद्र सरकार को निशाने पर लिया है। इससे पहले सोनिया ने कहा था, ‘हमारे कामगार और मजदूर हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। कांग्रेस ने फ़ैसला लिया है कि हर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ज़रूरतमंदों और प्रवासी मजदूरों के रेल टिकट का ख़र्च उठाएगी।’ 
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राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘एक तरफ रेलवे दूसरे राज्यों में फँसे मजदूरों से टिकट का भाड़ा वसूल रही है वहीं दूसरी तरफ रेल मंत्रालय पीएम केयर्स फंड में 151 करोड़ रुपये का चंदा दे रहा है। जरा ये गुत्थी सुलझाइए!’

प्रियंका ने ट्वीट कर कहा, ‘मजदूर राष्ट्र निर्माता हैं। मगर आज वे दर-दर की ठोकर खा रहे हैं, यह पूरे देश के लिए आत्मपीड़ा का कारण है। जब हम विदेश में फँसे भारतीयों को हवाई जहाज से निशुल्क वापस लेकर आ सकते हैं, जब नमस्ते ट्रम्प कार्यक्रम में सरकारी खजाने से 100 करोड़ रुपये खर्च कर सकते हैं, जब रेल मंत्री पीएम केयर्स फंड में 151 करोड़ रुपये दे सकते हैं तो फिर मजदूरों को आपदा की इस घड़ी में निशुल्क रेल यात्रा की सुविधा क्यों नहीं दे सकते?’ 
पी. चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा कि मजदूरों के ट्रेन का ख़र्च उठाने का कांग्रेस अध्यक्ष का फ़ैसला एतिहासिक है। 
इससे पहले सोनिया ने पूछा कि केंद्र सरकार की आख़िर क्या जिम्मेदारी है। सोनिया ने कहा, ‘कोरोना संकट के कारण लाखों प्रवासी मजदूर और कामगार घर लौट रहे हैं लेकिन उनके पास न तो पैसा है और न ही उन्हें फ्री ट्रांसपोर्ट की सुविधा दी गई है।’ 

उन्होंने कहा कि आज़ादी के बाद पहली बार इस तरह की स्थिति हमारे सामने आयी है। उन्होंने पूछा कि सरकार अपनी जिम्मेदारी कब समझेगी। 
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सोनिया ने कहा कि गुजरात में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के आने पर 100 करोड़ रुपये ख़र्च कर दिए गए और रेलवे द्वारा पीएम केयर्स फ़ंड में 151 करोड़ रुपये दिए गए हैं लेकिन प्रवासी मजदूरों को मुफ़्त ट्रेन सुविधा नहीं मुहैया कराई जा रही है।