वकील और सामाजिक कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज भीमा कोरेगाँव यलगार परिषद मामले में तीन साल से ज़्यादा समय तक जेल में बिताने के बाद गुरुवार को भायकला महिला जेल से बाहर आ गईं। वे उन लोगों में से हैं, जिन पर यूएपीए लगा दिया गया और अर्बन नक्सल कहा गया। स्टैन स्वामी की मृत्यु जेल में ही हो गई।