दिल्ली धर्म संसद में नफ़रती व भड़काऊ भाषण के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की जमकर खिंचाई की है। इसने आश्चर्य जताया कि एफ़आईआर दर्ज करने में पाँच महीने लग गए। अदालत ने मामले के जाँच अधिकारी से शुक्रवार को यह बताने को कहा कि जांच को आगे बढ़ाने के लिए क्या क़दम उठाए गए।
धर्म संसद: SC ने दिल्ली पुलिस से पूछा- 5 माह में FIR, जाँच क्या हुई?
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- 13 Jan, 2023
दिल्ली में 2021 में हुई धर्म संसद में कथित नफ़रती भाषण के लिए बार-बार दिल्ली पुलिस की खिंचाई क्यों हो रही है? जानिए सुप्रीम कोर्ट ने अब दिल्ली पुलिस से क्या कहा।

अदालत इस घटना पर कथित निष्क्रियता के लिए पुलिस महानिदेशक के खिलाफ अवमानना कार्यवाही की मांग पर सुनवाई कर रही थी। इसने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के पहले के दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया गया है। याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता शादान फरासत ने कहा कि प्राथमिकी घटना के पाँच महीने बाद मई 2022 में ही दर्ज की जा सकी थी। लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, अधिवक्ता शादान ने कहा कि यह एक बहुत गंभीर मामला है और पीठ से उस समय दिए गए भाषणों के ट्रांसक्रिप्ट को पढ़ने का अनुरोध किया, जहाँ कथित तौर पर मुस्लिम समुदाय के ख़िलाफ़ बयान दिए गए थे।