स्टेनकज़ाई 1980 के दशक में भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून में अफ़ग़ान सेना के कैडेटों के प्रशिक्षण के हिस्से के रूप में शामिल थे। 1996 में तालिबान के काबुल के पहले अधिग्रहण के बाद जब वह एक कार्यवाहक शासन के उप विदेश मंत्री थे तब उन्होंने भारत के लिए इसी तरह का प्रस्ताव दिया था।