अमेरिका के H-1B वीजा नियमों पर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत का प्रधानमंत्री ट्रंप के सामने कमजोर साबित हो रहा है। इस आरोप में कितना दम?
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा
H-1B वीजा पर 1 लाख डॉलर यानी 88-90 लाख रुपये की भारी-भरकम वार्षिक फीस लागू करने के ऐलान के बाद कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बड़ा हमला बोला है। कांग्रेस ने मोदी को 'कमजोर प्रधानमंत्री' करार देते हुए उनकी विदेश नीति को नाकाम बताया और कहा कि यह भारत के हितों की रक्षा करने में असफल रही है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और नेताओं ने भी इस मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरा। ट्रंप का यह क़दम भारतीय तकनीकी कर्मचारियों को सबसे ज्यादा प्रभावित करेगा, क्योंकि 2024 में 71% H-1B वीजा धारक भारतीय थे।
कांग्रेस ने डोनाल्ड ट्रंप के हाल के दावों को लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा। ट्रंप ने हाल ही में लगातार यह दावा किया है कि उनके हस्तक्षेप से भारत-पाकिस्तान युद्ध रुक गया। फिर 50 फीसदी टैरिफ़ का झटका दिया। और अब एच-1बी वीजा का झटका है। इस ख़बर का स्क्रीनशॉट साझा करते हुए राहुल ने कहा है, 'मैं फिर कहता हूं, भारत का प्रधानमंत्री कमजोर है।'
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने भी राहुल गांधी के 2017 के बयान का हवाला देते हुए कहा, 'आठ साल बाद राहुल गांधी फिर सही साबित हुए। भारत अभी भी एक कमजोर प्रधानमंत्री के साथ अटका हुआ है।'
राहुल ने यह हमला तब किया है जब 19 सितंबर को डोनाल्ड ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसमें H-1B वीजा के लिए प्रति वर्ष 1 लाख डॉलर की फीस अनिवार्य की गई। यह पहले की 1700 से 4500 डॉलर की फीस से कई गुना अधिक है। ट्रंप ने इस कदम को अमेरिकी कर्मचारियों के हित में बताया और दावा किया कि H-1B प्रोग्राम का दुरुपयोग हो रहा है, जिससे अमेरिकी कर्मचारियों की नौकरियां छिन रही हैं। उन्होंने इसे 'राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा' करार दिया।
इस आदेश के बाद, मेटा, माइक्रोसॉफ्ट, अमेजन और जेपी मॉर्गन जैसी बड़ी टेक कंपनियों ने अपने H-1B वीजा धारक कर्मचारियों को तुरंत अमेरिका में रहने या 24 घंटे के भीतर लौटने की सलाह दी। कंपनियों ने चेतावनी दी कि 21 सितंबर 2025 की रात 12:01 बजे के बाद बिना फीस चुकाए कर्मचारियों को अमेरिका में प्रवेश से वंचित किया जा सकता है।
'मोदी जी बधाई कॉल के बाद रिटर्न गिफ़्ट'
कांग्रेस ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी की कड़ी आलोचना की। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने तंज कसते हुए कहा, "नरेंद्र मोदी जी, आपके जन्मदिन की बधाई कॉल के बाद मिले 'रिटर्न गिफ्ट' से भारतीय दुखी हैं।" खड़गे ने इसे 'अबकी बार, ट्रंप सरकार' का परिणाम बताया और कहा कि 1 लाख डॉलर की फीस भारतीय तकनीकी कर्मचारियों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाएगी।
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि अमेरिका ने पहले ही 50% टैरिफ लगाकर 10 क्षेत्रों में भारत को 2.17 लाख करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया है। इसके अलावा HIRE एक्ट और चाबहार बंदरगाह पर छूट हटाने जैसे कदमों को भी राष्ट्रीय हितों के लिए नुकसानदायक बताया। खड़गे ने कहा, "भारतीय राष्ट्रीय हित सर्वोपरि हैं। गले मिलना, खोखले नारे, संगीत कार्यक्रम और लोगों से 'मोदी-मोदी' के नारे लगवाना विदेश नीति नहीं है! विदेश नीति का मतलब है हमारे राष्ट्रीय हितों की रक्षा करना; भारत को पहले रखना और समझदारी और संतुलन के साथ दोस्ती बनाए रखना। इसे दिखावा करने तक सीमित नहीं किया जा सकता, क्योंकि इससे हमारी लंबी अवधि की स्थिति को नुकसान हो सकता है।"
कांग्रेस के लोकसभा में उपनेता गौरव गोगोई ने कहा, "H-1B वीजा पर अमेरिका का फैसला भारत के सबसे प्रतिभाशाली दिमागों के भविष्य पर हमला है। मुझे पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की वह हिम्मत याद है, जब एक भारतीय राजनयिक के साथ अमेरिका में दुर्व्यवहार हुआ था। लेकिन अब मोदी की 'रणनीतिक चुप्पी' और 'शोर-शराबे वाली छवि' राष्ट्रीय हितों के लिए बोझ बन गई है।"
अन्य मुद्दों पर भी हमला
कांग्रेस ने न केवल H-1B वीजा, बल्कि अन्य मुद्दों पर भी मोदी सरकार को घेरा। खड़गे ने चाबहार बंदरगाह से छूट हटाने को भारत के रणनीतिक हितों के लिए नुकसान बताया। उन्होंने यह भी कहा कि ट्रंप ने दावा किया कि उनकी मध्यस्थता ने भारत-पाकिस्तान युद्ध रोका, यह भारत की संप्रभुता पर सवाल उठाता है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने पहले फरवरी 2025 में मोदी की अमेरिका यात्रा से पहले सवाल उठाए थे। उन्होंने पूछा था कि क्या मोदी ट्रंप से भारतीय प्रवासियों के साथ होने वाले भेदभाव और H-1B वीजा धारकों पर हमलों के खिलाफ आवाज उठाएंगे।
पीएम का आत्मनिर्भरता पर जोर
इधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के भावनगर में एक जनसभा में कहा कि भारत का असली दुश्मन विदेशी निर्भरता है। उन्होंने आत्मनिर्भरता पर जोर देते हुए कहा, 'हमारा कोई बड़ा दुश्मन नहीं है। हमारा असली दुश्मन विदेशी निर्भरता है, और हमें इसे हराना होगा।' उन्होंने कांग्रेस पर भी निशाना साधा और कहा कि उनकी सरकार ने भारत के शिपबिल्डिंग क्षेत्र को तबाह कर दिया, जिसके कारण भारत को विदेशी जहाजों पर 6 लाख करोड़ रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं।
H-1B वीजा और भारतीय कर्मचारी
H-1B वीजा प्रोग्राम तकनीकी क्षेत्र में काम करने वाले विदेशी पेशेवरों के लिए है और भारत इसका सबसे बड़ा लाभार्थी है। 2022-23 में 70% से अधिक H-1B वीजा धारक भारतीय थे। यह नया नियम मध्यम और निम्न-वेतन वाली नौकरियों के लिए वीजा प्राप्त करना मुश्किल कर देगा, जिससे भारतीय कर्मचारियों और टेक कंपनियों पर भारी असर पड़ेगा।
ट्रंप के H-1B वीजा फीस बढ़ाने के फैसले ने भारत में एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। कांग्रेस ने इसे मोदी सरकार की कथित 'कमजोर' विदेश नीति का सबूत बताया। यह मुद्दा भारतीय तकनीकी कर्मचारियों और अर्थव्यवस्था के लिए बड़े सवाल खड़े करता है। अब सभी की नजर इस बात पर है कि क्या भारत इस मुद्दे पर ट्रंप प्रशासन से बातचीत करेगा और भारतीय कर्मचारियों के हितों की रक्षा कर पाएगा।