सर्जियो गोर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के करीबी सहयोगी और भारत के लिए डेजिग्नेडेट नए अमेरिकी राजदूत सर्जियो गोर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात को 'अद्भुत' करार दिया है। उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों के भविष्य को लेकर उत्साह व्यक्त करते हुए कहा कि वे आने वाले दिनों को लेकर आशावादी हैं। यह मुलाकात भारत-अमेरिका संबंधों में उत्पन्न हालिया तनावों के बीच हुई, जहां अमेरिका द्वारा भारतीय निर्यात पर 50 प्रतिशत टैरिफ़ लगाने से व्यापारिक तनाव बढ़ गया है, लेकिन दोनों नेताओं के बीच हालिया फोन वार्ता में सकारात्मक संकेत मिले हैं।
38 वर्षीय सर्जियो गोर अमेरिका के सबसे युवा राजदूत बनने वाले हैं। वह अपनी छह दिवसीय भारत यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी से मिले। यह उनकी पहली औपचारिक यात्रा है, जो अमेरिकी सीनेट द्वारा उनके नाम की पुष्टि के तुरंत बाद शुरू हुई। गोर ने मुलाकात के बाद पत्रकारों से कहा, 'हमने प्रधानमंत्री मोदी के साथ एक अद्भुत बैठक समाप्त की, जिसमें रक्षा, व्यापार और प्रौद्योगिकी जैसे द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की गई। हमने दोनों देशों के लिए क्रिटिकल मिनरल्स की अहमियत पर भी बात की। अमेरिका भारत के साथ अपने संबंधों को बहुत महत्व देता है और राष्ट्रपति ट्रंप तथा प्रधानमंत्री मोदी के मजबूत नेतृत्व में दोनों देशों के लिए आने वाले दिनों को लेकर मैं आशावादी हूं।'
गोर ने यह भी बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप प्रधानमंत्री मोदी को अपना महान और निजी मित्र मानते हैं। उन्होंने कहा, 'दिल्ली के लिए रवाना होने से ठीक पहले दोनों नेताओं के बीच एक अद्भुत फोन कॉल हुई थी और यह संवाद आने वाले हफ्तों व महीनों में जारी रहेगा।'
मुलाकात के दौरान गोर ने प्रधानमंत्री मोदी को एक विशेष उपहार भेंट किया- व्हाइट हाउस में हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की एक फ्रेम्ड फोटो, जिसमें मोदी और ट्रंप साथ दिख रहे हैं। इस फोटो पर ट्रंप ने हस्ताक्षर करके लिखा, 'मिस्टर प्राइम मिनिस्टर, यू आर ग्रेट'।
प्रधानमंत्री मोदी ने मुलाकात के बाद एक्स पर एक पोस्ट साझा की, जिसमें गोर के साथ फोटो के साथ लिखा, 'मिस्टर सर्जियो गोर, भारत में अमेरिका के राजदूत डेजिग्नेट का स्वागत करके प्रसन्न हूं। मुझे विश्वास है कि उनका कार्यकाल भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करेगा।'
मुलाकात के मायने
सर्जियो गोर की नियुक्ति अगस्त 2025 में हुई थी, जब ट्रंप ने उन्हें भारत के राजदूत के साथ-साथ दक्षिण और मध्य एशिया मामलों के लिए विशेष दूत भी नामित किया। गोर व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति कार्मिक कार्यालय के निदेशक रह चुके हैं और ट्रंप प्रशासन में 4000 से अधिक पदों की जांच-पड़ताल करने वाली टीम का नेतृत्व कर चुके हैं। वे ट्रंप के 'मेक अमेरिका ग्रेट अगेन' यानी एमएजीए अभियान के प्रमुख सदस्य माने जाते हैं। सीनेट की पुष्टि के बाद यह उनकी पहली भारत यात्रा है, जो 11 से 14 अक्टूबर तक चलेगी।
इस यात्रा से पहले गोर ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर, विदेश सचिव विक्रम मिस्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ भी बैठकें कीं। जयशंकर से यह उनकी दूसरी मुलाकात थी। उनकी पहली मुलाक़ात सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान न्यूयॉर्क में हुई थी। इन चर्चाओं में रक्षा सहयोग, व्यापार समझौते, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और सप्लाई चेन की मजबूती पर जोर दिया गया। खासकर लिथियम, कोबाल्ट जैसे महत्वपूर्ण खनिजों पर फोकस रहा, जो दोनों देशों की हरित ऊर्जा महत्वाकांक्षाओं के लिए ज़रूरी हैं।
हालाँकि, यह मुलाकात भारत-अमेरिका संबंधों में उभरे तनावों के बीच हो रही है। ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में भारतीय निर्यात पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाया है, जिसमें रूस से कच्चे तेल की खरीद पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत ड्यूटी शामिल है। भारत ने इसे ग़लत और अन्यायपूर्ण करार दिया है। लेकिन तीन दिन पहले मोदी और ट्रंप के बीच हुई फोन वार्ता ने उम्मीदें जगाई हैं। दोनों पक्ष अब द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत फिर से शुरू करने को तैयार हैं।
एक नए दौर की शुरुआत?
कहा जा रहा है कि गोर की नियुक्ति ट्रंप-मोदी संबंधों की नयी शुरुआत का संकेत है। ट्रंप के क़रीबी गोर की नियुक्ति दोनों देशों के बीच रणनीतिक विश्वास को बहाल करने में मदद कर सकती है। पिछले दो दशकों में पांच अमेरिकी राष्ट्रपतियों और तीन भारतीय प्रधानमंत्रियों ने इस साझेदारी को मजबूत किया है। अब गोर के कार्यकाल में यह और मजबूत हो सकता है।
गोर की यात्रा 14 अक्टूबर को समाप्त होगी, लेकिन उनकी टिप्पणियां साफ संकेत देती हैं कि वाशिंगटन भारत के साथ संबंधों को प्राथमिकता दे रहा है। उनके कार्यकाल में व्यापार शुल्कों पर ठोस सफलता ही संबंधों की असली परीक्षा होगी।