लॉकडाउन लगाए जाने के बाद सिर्फ़ अप्रैल महीने में ही 1 करोड़ 77 लाख ऐसी नौकरियाँ ख़त्म हो गई थीं। मई में क़रीब 1 लाख ऐसी नौकरियाँ गईं। जून में 39 लाख लोगों को नौकरियाँ मिलीं, लेकिन जुलाई में फिर से 50 लाख लोगों की लोगों की नौकरियाँ चली गईं।
कृषि क्षेत्र में जून में क़रीब 13 करोड़ नौकरियाँ थीं जबकि जुलाई में 12 करोड़ 60 लाख नौकरियाँ थीं। यानी 40 लाख नौकरियाँ कम हो गई हैं। माना जा रहा है कि अब फिर से मज़दूरों का शहरों की ओर रिवर्स माइग्रेशन शुरू हो गया है।