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लॉकडाउन ने छीनी 12 करोड़ लोगों की रोज़ी-रोटी

कोरोना वायरस संक्रमण का देश की अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ेगा, इसे एक उदाहरण से समझा जा सकता है। संक्रमण रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन की वजह से 12 करोड़ से ज़्यादा लोगों की रोज़ी-रोटी छिन गई है।

इनमें छोटे-मोटे काम धंधा करने वाले लोग और इस तरह के धंधों से जुड़ी दुकानों या कंपनियों में काम करने वाले लोग ज़्यादा हैं। सेंटर फ़ॉर मॉनीटरिंग इंडियन इकॉनमी (सीएमआईई) ने अनुमान लगाया है कि इसमें से कम से कम 75 प्रतिशत तो दिहाड़ी मज़दूर ही हैं। 

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तमिलनाडु पर सर्वाधिक असर

लॉकडाउन की चपेट में आकर रोज़गार गँवाने वालों में सबसे अधिक लोग तमिलनाडु में हैं। दूसरी ओर, केरल पर इसका इस मामले में सबसे कम असर पड़ा है। 

इसके अलावा वेतन पर नौकरी करने वालों की तादाद भी कम नहीं है। सीएमआईई ने कहा है कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद दिहा़ड़ी मज़दूरों और दुकान वगैरह में छोटे-मोटे काम करने वालों को तो जल्द ही काम मिल जाएगा।
सेंटर फ़ॉर मॉनीटरिंग इंडियन इकॉनमी का कहना है कि लॉकडाउन के बाद वेतनभोगी लोगों को नौकरी पाने में बहुत दिक्क़तों का सामना करना होगा, उन्हें पहले की तरह की नौकरी आसानी से नहीं मिलेगी।

1.80 करोड़ धंधे बंद

एक मोटे अनुमान के मुताबिक़ अप्रैल महीने में लगभग 1.80 करोड़ छोटे व्यवसायियों का धंधा बंद हो गया। आँकड़ों के अनुसार देश में इस तरह के लगभग 7.80 करोड़ धंधे थे, लेकिन अप्रैल में यह संख्या घट कर 6 करोड़ हो गई। मतलब साफ है, लगभग 1.80 करोड़ कारोबार बंद हो गए। 

इस तरह के कारोबार के इतनी बड़ी तादाद में बंद होने का अर्थ यह है कि ये कारोबारी ही नहीं, उनसे जुड़े कर्मचारियों का रोज़गार गया। इसके अलावा उनके कामकाज से जुड़े दूसरे लोगों और सप्लाई चेन के दूसरे लोगों की भी रोज़ी-रोटी छिन गई, यह साफ़ है। 

अर्थव्यवस्था चौपट

सीएमआईई ने अनुमान लगाया है कि वित्तीय वर्ष 2019-2020 में इस तरह के रोज़गारों की तादाद लगभग 40.4 करोड़ से घट कर 39.6 करोड़ पर आ गई थी।
लॉकडाउन के दौरान इसमें और कमी आई, वह गिर कर 28.2 करोड़ तक पहुँच गई। इस तरह लगभग 12.2 करोड़ लोगों की रोज़ी रोटी छिन गई। 

सीएआईई ने इसके पहले एक रिपोर्ट में यह कहा था कि लॉकडाउन के दौरान देश में बेरोज़गारी की दर 27.11 प्रतिशत हो गई। लॉकडाउन से पहले 15 मार्च वाले सप्ताह में जहाँ बेरोज़गारी दर 6.74 फ़ीसदी थी वह तीन मई को ख़त्म हुए सप्ताह में बढ़कर 27.11 फ़ीसदी हो गई है। 
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क़मर वहीद नक़वी
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