कर समझौतों के तहत सूचनाओं का आदान-प्रदान गोपनीयता की शर्तों से जुड़ा होता है। इस तरह की जानकारियाँ आरटीआई के प्रावधानों के तहत नहीं दी जा सकती हैं।
नैशनल कौंसिल ऑफ़ एप्लाइड इकनॉमिक रीसर्च (एनसीएईआर) ने अनुमान लगाया है कि 1980 से 2010 के बीच भारतीयों का विदेशों में काला धन 384 अरब डॉलर से 490 अरब डॉलर रहा है।