आईएमएफ़ प्रमुख क्रिस्टलीना जॉर्जीवा ने साफ़ शब्दों कह दिया है कि अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था मंदी के दौर में प्रवेश कर चुकी है। इससे उबरने के लिए बहुत बड़े पैमाने पर निवेश की ज़रूरत होगी। मंदी से निकलने में समय लगेगा।
जॉर्जीवा ने ऑनलाइन प्रेस ब्रीफिंग में कहा, 'यह साफ़ है कि हम मंदी में आ चुके हैं। यह मंदी 2009 की मंदी से बदतर होगी।'
आईएमएफ़ प्रमुख ने इसके पहले वॉशिंगटन स्थित अंतरराष्ट्रीय क़र्ज़दाताओं से ऑनलाइन बैठक की। इस बैठक के बाद उन्होंने कहा कि इन संस्थानों को मौजूदा योजना के 50 अरब डॉलर से कहीं अधिक का निवेश करना होगा।
2.50 ट्रिलियन डॉलर की ज़रूरत
उन्होंने कहा कि कोरोना की वजह से पूरी अर्थव्यवस्था यकायक थम गई है। अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यस्था को लगभग 2.50 ट्रिलियन डॉलर के निवेश की ज़रूरत होगी।
जॉर्जीवा ने उम्मीद जताई कि जल्द ही कोरोना संक्रमण को रोक लिया जाएगा और इस पर काबू पा लिया जाएगा, ऐसा हुआ तो साल 2021 में अर्थव्यवस्था एक बार फिर पटरी पर लौट सकती है।
उन्होंने कहा कि 80 से ज़्यादा देशों ने आईएमएफ़ से सहायता की माँग की है। जॉर्जीवा ने यह भी कहा कि यह साफ़ हो चुका है कि मौजूदा संसाधन पर्याप्त नहीं है, और अधिक की ज़रूरत है।