RBI ने रेपो रेट 25 प्वाइंट घटाकर 5.25% कर दिया है। क्या इससे आपके होम लोन की EMI कम हो जाएगी? इस कटौती का क्या असर पड़ेगा। उपभोक्ता केंद्रित पूरा विश्लेषण पढ़िएः
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने गुरुवार को रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती करते हुए इसे 5.5% से घटाकर 5.25% कर दिया। इस साल 2025 में यह कुल 125 बेसिस पॉइंट की कटौती हो चुकी है। आम लोगों और घर खरीदने वालों के लिए सबसे बड़ा सवाल यही है- क्या इससे वास्तव में EMI कम होगी?
मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने 3, 4 और 5 दिसंबर को बैठक कर वर्तमान आर्थिक स्थिति, महंगाई, विकास दर का अनुमान और लिक्विडिटी का आकलन किया। गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि समिति ने सर्वसम्मति से दर घटाने का फैसला किया।
- SDF (स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी) घटकर 5%
- MSF (मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी) और बैंक रेट 5.5%
- रुख (Stance) Neutral रखा गया।
इसके साथ ही वित्तीय प्रणाली में नकदी बढ़ाने के लिए RBI ने दो बड़े कदम उठाए-
- 1 लाख करोड़ रुपये के सरकारी बॉन्ड की OMO खरीद
- 5 बिलियन डॉलर का तीन-वर्षीय डॉलर-रुपया स्वैप
इनका उद्देश्य है कि बैंकों के पास पर्याप्त नकदी रहे ताकि वे कर्ज सस्ता कर सकें।
उपभोक्ताओं के लिए इसका मतलब क्या है?
EMI कम हो सकती है- पर यह बैंक की रफ्तार पर निर्भर करेगा। अगर बैंक पूरी 25 bps कटौती पास करते हैं, तो 50 लाख के 20 साल के होम लोन पर ₹750–₹900 तक की मासिक EMI कम हो सकती है। बैंकों के पास अब सस्ता फंड उपलब्ध होगा, जिससे उम्मीद है कि वे आम उपभोक्ताओं को इसका फायदा देंगे।क्या घर खरीदना थोड़ा आसान होगा
रियल एस्टेट में इस समय कीमतें तेजी से बढ़ी हैं। ANAROCK चेयरमैन अनुज पुरी के मुताबिक- 2025 में शीर्ष 7 शहरों में घरों की कीमतें लगभग 10% बढ़ी हैं। ऐसे में सस्ता लोन खरीदारों की अफोर्डेबिलिटी में कुछ राहत देगा। अगर बैंक दरें घटाते हैं, तो मध्यवर्गीय और पहली बार घर खरीदने वाले उपभोक्ताओं को सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा। MMR, NCR और पुणे जैसे शहरों में उंची कीमतें, बढ़ती EM यानी दोनों मिलकर खरीदारों की पहुंच को कमजोर कर रहे थे। ट्राइबेका डेवलपर्स के CEO राजत खंडेलवाल के अनुसार, यह कटौती उन क्षेत्रों में खरीदारों का भरोसा वापस ला सकती है।विशेषज्ञ इसे निवेश के लिए बेहतर माहौल बता रहे हैं। उनके अनुसार, सस्ती ब्याज दरें और मजबूत बाजार मांग को बनाए रखेंगी। इससे:
Resale market में गतिविधि बढ़ सकती है। नए buyers वापस आ सकते हैं। किराये की तुलना में घर खरीदने का निर्णय आकर्षक हो सकता है।
आपको क्या करना चाहिएः विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि अपने बैंक से तुरंत नई ब्याज दर की जानकारी लें। EBLR-linked लोन वाले ग्राहकों को सबसे जल्दी फायदा मिलेगा। जिनके पास MCLR-linked लोन है, वे स्विच करने पर विचार कर सकते हैं। प्रॉपर्टी चुनते समय कीमत + ब्याज दोनों देखें, केवल एक चीज़ पर निर्णय न लें। जल्दबाज़ी न करें; बैंक नई दरें लागू करें, तब सारा हिसाब कर फैसला लें।
बहरहाल, RBI की इस कटौती से उपभोक्ताओं को संभावित राहत जरूर मिलेगी। लेकिन EMI कम होगी या नहीं, यह पूरी तरह बैंकों पर निर्भर है। बैंक पूरी तरह पारदर्शिता नहीं बरतते हैं। इसलिए बैंक से सही जानकारी लेने की कोशिश करें। आने वाले हफ्ता आम जनता के लिए सबसे अहम होगा, क्योंकि जैसे ही बैंक दरें घटाने की घोषणा करना शुरू करेंगे, होम लोन की किस्तें हल्की महसूस होने लगेंगी।