आख़िर क्या वजह थी कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कॉरपोरेट जगत को करों में ज़बरदस्त रियायत दी है। कॉरपोरेट जगत को दी गई छूटों की वजह से उन्हें सालाना 1.45 लाख करोड़ रुपए या फ़ायदा होगा। इस घोषणा का नतीजा यह हुआ कि शेयर बाज़ार में 10 साल की तेजी देखी गई, बंबई स्टॉक एक्सचेंज का संवेदनशील सूचकांक 1900 अंक तो नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक निफ़्टी 1100 अंक उछला। नतीजा यह हुआ कि सेंसेक्स 37,000 तो निफ़्टी 11,000 अंक पार कर गया।
नई सरकार के बजट से कॉरपोरेट जगत निराश था, शेयर बाज़ार बुरी तरह टूट रहा था और सूचकांक गोते लगा रहा था। 3 जून के बाद से अब तक शेयर बाज़ार के निवेशकों को लगभग 17.60 अरब रुपये का नुक़सान हो चुका था। अमेरिकी फ़ेडरल रिज़र्व में कटौती करने के अनुमान और घरेलू संस्थागत निवेशकों को घाटे की वजह से शुक्रवार को सेंसेक्स 470.41 अंक टूट कर 36,093.47 पर आ गया था। निफ़्टी 135.85 अंक गिर कर 10,704.80 पर पहुँच गया था।