कश्मीर में 65 दिनों के बाद भी हालात सामान्य नहीं हो सके हैं। मोबाइल फ़ोन पूरी तरह चालू नहीं हैं और इस वजह से लोगों को ख़ासी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। अंग्रेजी अख़बार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ में छपी ख़बर के मुताबिक़, राज्यपाल की ओर से घाटी में पर्यटकों की आवाजाही को खोलने के आदेश के बाद भी कोई पर्यटक यहां नहीं आया है। इसके अलावा बीडीसी चुनावों को लेकर भी राजनीतिक दलों के बीच कोई उत्साह नहीं है और बीजेपी को छोड़कर बाक़ी सभी राजनीतिक दलों ने मंगलवार को घोषणा की है कि वे इस चुनाव में हिस्सा नहीं लेंगे। कश्मीर के ये हालात केंद्र सरकार के उन दावों के बिलकुल उलट हैं, जिसमें उसने दावा किया था कि घाटी में हालात सामान्य हो चुके हैं।
कश्मीर के अफ़सर मानते हैं कि वहाँ हालात सामान्य नहीं हैं
- जम्मू-कश्मीर
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- 9 Oct, 2019
कश्मीर में 65 दिनों के बाद भी हालात सामान्य नहीं हो सके हैं। मोबाइल फ़ोन पूरी तरह चालू नहीं हैं और इस वजह से लोगों को ख़ासी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
