डील-डौल और हाव-भाव में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी की प्रतिछाया लगने वाली प्रियंका गाँधी के औपचारिक रूप से राजनीति में आने से कांग्रेस के भीतर एक नई झँकार सुनाई देने लगी है। इससे कांग्रेस को एक स्थापित महिला नेता मिल गई है। दूसरी तरफ़ बीजेपी को कांग्रेस पर परिवारवाद का ठप्पा पुख़्ता करने का नया मौक़ा भी मिला है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या प्रियंका गाँधी 2019 के लोकसभा चुनावों पर कोई असरदार छाप छोड़ पाएँगी। सवाल यह भी है कि आगे चलकर वह कांग्रेस अध्यक्ष और अपने भाई राहुल गाँधी के लिए कोई चुनौती तो साबित नहीं होगी।
मोदी, मायावती, अखिलेश के लिए ख़तरा बनेंगी प्रियंका
- चुनाव 2019
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- 12 Feb, 2019

प्रियंका के राजनीति में आने से कांग्रेस के भीतर एक नई झँकार सुनाई देने लगी है। लेकिन प्रियंका की राजनीतिक सूझ-बूझ और नेतृत्व क्षमता की परख आम चुनावों में होगी।
शैलेश कुमार न्यूज़ नेशन के सीईओ एवं प्रधान संपादक रह चुके हैं। उससे पहले उन्होंने देश के पहले चौबीस घंटा न्यूज़ चैनल - ज़ी न्यूज़ - के लॉन्च में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। टीवी टुडे में एग्ज़िक्युटिव प्रड्यूसर के तौर पर उन्होंने आजतक