मध्य प्रदेश में गायों के साथ अजीब क्रूरता की गई। छोटे-छोटे दो कमरों में गायों को बंद कर दिया गया। न खाना और न पानी। गायें तड़पती रहीं। रंभाती रहीं। कई दिनों तक भूखी-प्यासी रही गायें आख़िरकार तड़प-तड़पकर मर गईं। 17 गायों के शव मिले हैं। यही बात शुरुआती जाँच में आई है। माना जा रहा है कि उन्हें इसलिए कमरों में बंद किया गया था क्योंकि ये बाहर आवारा घुमती थीं और फ़सलों को चर जाती थीं।
कमलनाथ का ऐसा गो संवर्धन? कमरे में बंद भूख-प्यास से तड़पकर मर गईं 17 गायें
- मध्य प्रदेश
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- 18 Oct, 2019
मध्य प्रदेश में गायों के साथ अजीब क्रूरता की गई। छोटे-छोटे दो कमरों में गायों को बंद कर दिया गया। न खान और न पानी। गायें तड़पती रहीं। कई दिनों तक भूखा-प्यासा रही गीयें आख़िरकार तड़प-तड़पकर मर गईं।

प्रतीकात्मक तसवीर
यह सनसनीखेज मामला ग्वालियर से लगे भिंड ज़िले का है। यह मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार के ‘गो संवर्धन प्लान’ को तगड़ा झटका है। मुख्यमंत्री के ट्वीट पर पुलिस ने एक दर्जन लोगों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर कर जाँच शुरू कर दी है। दरअसल, भिंड के डबरा शहर से 10 किलोमीटर दूर हाइवे स्थित ग्राम समूदन के एक सरकारी स्कूल के परिसर में बुधवार देर रात जेसीबी से गड्ढा खोदकर मृत गायों को दफनाने की सूचना मिली थी। भनक लगते ही ‘गो प्रेमी’ भी पहुँच गये। ख़ूब हंगामा हुआ। ग्रामीणों की शिकायत पर पुलिस ने पहले तो पूरे मामले को हलके में लिया। शिकायत करने वाले ग्रामीणों ने हाइवे को जाम किया तो पुलिस को मौक़े पर पहुँचना पड़ा। गुरुवार को गायों का विधिवत हिन्दू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार किया गया। डबरा सिटी थाने में गो वध प्रतिषेध अधिनियम के तहत केस दर्ज करने पर ग्रामीण तो शांत हो गए, लेकिन गुरुवार तक मामला इतना गरमा गया कि राजनीति तेज़ हो गई।