आज जब हम और तोताराम बरामदे में बैठे थे तो अपनी बाजार की चौकीदारी की नाइट ड्यूटी करके जा रहा चौकीदार हमें देखकर रुक गया, बोला- अच्छा रहा जो आप दोनों यहीं मिल गए वरना मुझे तोताराम जी के घर अलग से जाना पड़ता। सेठ जी ने आप दोनों को अभी अपने बेटे की शादी के खाने पर बुलाया है।