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भास्कर ग्रुप के मालिक सुधीर अग्रवाल का घर।

दैनिक भास्कर समूह के 40 ठिकानों पर छापेमारी

केन्द्र और मध्य प्रदेश की सरकार के खिलाफ अपने पत्र समूह में ‘आग उगल’ रहे दैनिक भास्कर के मध्य प्रदेश सहित तीन राज्यों के 40 ठिकानों पर आयकर विभाग द्वारा गुरूवार तड़के छापेमारी की सूचना है। भोपाल के प्रेस कॉम्प्लेक्स स्थित भास्कर समाचार पत्र कार्यालय और अरेरा कालोनी में रहने वाले अखबार के मालिक सुधीर अग्रवाल के घर पर भी छापेमारी की कार्रवाई हो रही है।

जानकारी के अनुसार, इनकम टैक्स की टीम ने गुरुवार सुबह भोपाल में प्रेस कॉम्प्लेक्स स्थित ‘द्वारका सदन’ में रेड की है। 

‘द्वारका सदन’ में बुधवार देर रात और सुबह की पाली में डिजिटल मीडिया में काम करने वाले करीब दो दर्जन कर्मचारियों के मोबाइल फोन, छापामार टीम द्वारा अपनी सुरक्षा में ले लेने की सूचना भी सूत्रों ने दी है। भोपाल ऑफिस के कम्प्यूटर और अन्य इलेक्ट्रानिक उपकरणों को भी सर्वे टीम ने अपनी जद में लेते हुए छानबीन शुरू की है।

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भोपाल के अलावा दैनिक भास्कर पत्र समूह के अहमदाबाद और जयपुर कार्यालयों तथा अन्य ठिकानों पर भी रेड की सूचना है। कुल 40 जगहों पर छापेमारी की कार्रवाई होने की आरंभिक सूचना सूत्रों से मिली है।
इस मामले में दैनिक भास्कर ने सीधे तौर पर तो बयान नहीं जारी किया है, लेकिन इसने जो ट्वीट किया है उसका साफ़ संदेश है कि वह दबाव के आगे झुकेगा नहीं और स्वतंत्र रूप से पत्रकारिता करना जारी रखेगा। 

ख़बरों से परेशान सरकार

बता दें, दैनिक भास्कर पत्र समूह काफी वक्त से तल्ख़ खबरें कर रहा है। केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार के अलावा मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान सरकार को एक्सपोज़ करने वाली अनेक ख़बरें पिछले कुछ महीनों में समाचार पत्र ने बहुत प्रमुखता के साथ प्रकाशित की हैं।

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विशेषकर कोरोना की दूसरी लहर के दौरान स्वास्थ्यगत मोर्चे पर केन्द्र और राज्य की सरकारों की कथित नाकामियों को समाचार पत्र समूह ने बिंदास ढंग से छापा है। 

मध्य प्रदेश में कोरोना से मौत के आंकड़ों के घालमेल और कोरोना वैक्सिनेशन के कथित फर्जीवाड़े का सिलसिलेवार खुलासा भी यह पत्र समूह निरंतर कर रहा है। मध्य प्रदेश के अलावा गुजरात में कोरोना से मौतों और वहां की सरकार के आंकड़ों के कथित खेल को भी भास्कर पत्र समूह (दिव्य भास्कर गुजरात) ने जमकर एक्सपोज किया है।

मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार से भास्कर समूह की पिछले करीब छह महीनों से ‘जमकर ठनी’ हुई है। शिवराज सरकार ने भास्कर समूह के मध्य प्रदेश और अन्य संस्करणों को दिये जाने वाले विज्ञापन बंद किये हुए हैं। उधर, केन्द्र सरकार के विज्ञापन भी भास्कर को नहीं मिल रहे हैं।

टेलीफोन टेपिंग को प्रमुखता से छापा

हिन्दी के अखबारों में दैनिक भास्कर ऐसा समाचार पत्र रहा है जिसने टेलीफोन टेपिंग के ताजा कांड को बहुत ही तल्ख़ तरीके से छापा है और फॉलोअप भी किये हैं। देश के अन्य अखबारों की तुलना में इस ख़बर को दी गई खास तवज्जो को भी इनकम टैक्स रेड से जोड़कर देखा जा रहा है।

‘सत्य हिन्दी’ ने छापेमारी को लेकर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की टीम और अफसरों से आधिकारिक प्रतिक्रिया लेने का प्रयास किया, लेकिन प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी थी। भोपाल भास्कर के सूत्रों ने अलबत्ता छापेमारी की पुष्टि की।

भोपाल समेत मध्य प्रदेश के कई क्षेत्रों में समूह की अन्य संपत्तियां हैं। मॉल हैं। स्कूल हैं। होटल हैं। मगर छापेमारी की आज की कार्रवाई में ये सब शामिल नहीं किये गये हैं।

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संजीव श्रीवास्तव
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