क्रूज ड्रग्स मामले में शाहरूख़ ख़ान के बेटे को अदालत से आख़िर ज़मानत क्यों नहीं मिली? जानिए अदालत में एनसीबी की ओर से क्या दी गई दलील।
अदालत ने फ़ैसला सुनाते हुए सिर्फ़ यह कहा कि आर्यन ख़ान और दूसरे आरोपियों ने जो ज़मानत की अर्जी दाखिल की थी उसे रद्द कर दिया गया है।
एनडीपीएस कोर्ट से ज़मानत नहीं मिलने के बाद आर्यन के वकीलों के पास बॉम्बे हाईकोर्ट में ज़मानत की अर्जी दाखिल करने का विकल्प है।
पिछली बार आर्यन ख़ान की ज़मानत पर सुनवाई शुरू होते ही एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने एनडीपीएस कोर्ट के सामने बताया था कि आर्यन ख़ान और अरबाज़ मर्चेंट क्रूज़ पर एक साथ ड्रग्स लेने वाले थे। उन्होंने यह भी कहा था कि आर्यन ख़ान पिछले कई सालों से ड्रग्स ले रहा था और इसकी पुष्टि आर्यन ख़ान के वाट्सऐप चैट और अरबाज़ मर्चेंट से हुई पूछताछ से हुई है। अनिल सिंह ने अदालत को यह भी बताया था कि आर्यन ख़ान ड्रग्स लेने का आदी हो गया था। उन्होंने कहा था कि एनसीबी ने जिस ड्रग पेडलर अचित कुमार को पकड़ा है उसने भी इस बात की पुष्टि की थी कि आर्यन ख़ान उससे ड्रग्स लिया करता था।
आर्यन ख़ान की ज़मानत का विरोध करते हुए एएसजी अनिल सिंह ने एनडीपीएस कोर्ट में कहा था कि देश विदेश में ड्रग्स की वजह से समाज और कॉलेज छात्रों का बहुत नुक़सान हो रहा है। सिंह ने कहा कि ‘एनसीबी के अधिकारी दिन रात ड्रग्स के ख़िलाफ़ मुहिम में लगे हुए हैं और दिन रात काम कर रहे हैं। इस मामले को हम काफ़ी सीरियसली ले रहे हैं ताकि आर्यन को फॉलो करने वाले लोग इस केस से कुछ सीख ले सकें। यह महात्मा गांधी का देश है और उन्होंने भी ऐसे देश की कल्पना नहीं की होगी जहाँ देश का युवा ड्रग्स का सेवन कर रहा है। यही कारण है कि एनसीबी आर्यन की ज़मानत का विरोध करती है।
एएसजी अनिल सिंह ने एनसीबी की तरफ़ से दलील देते हुए कहा था कि इस पूरे मामले में ठोस सबूत के आधार पर ही आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है। ड्रग्स रैकेट के इस केस में अंतरराष्ट्रीय संबंध की जांच की जा रही है और विदेश मंत्रालय के साथ मिलकर विदेशी ड्रग पैडलर के बारे में भी जानकारी इकठ्ठी की जा रही है। अनिल सिंह ने कहा कि ड्रग्स क्रूज शिप में आरोपियों के चढ़ने से पहले ही बरामद कर लिया था। सिंह ने कहा कि अगर क्रूज़ टर्मिनल से निकल जाता तो आरोपियों की पार्टी शुरू हो जाती और सभी आरोपी ड्रग्स लेना शुरू कर देते।
आर्यन ख़ान के वकील ने क्या दलीलें दीं?
आर्यन ख़ान के वकील अमित देसाई ने एएसजी के जवाब में कहा कि आज के जनरेशन के बच्चों की भाषा और इंग्लिश हमसे काफ़ी अलग है। उनकी बातचीत करने की स्टाइल अलग है और किसी को संदेहजनक भी लग सकती है। देसाई ने एएसजी की तरफ़ इशारा करते हुए पूछा कि क्या आपको लगता है कि यह लड़का इंटरनेशनल ड्रग ट्रैफिकिंग में शामिल होगा? एनसीबी कहती है कि हम विदेश मंत्रालय के संपर्क में हैं और अंतरराष्ट्रीय एंगल से जांच कर रहे हैं। एनसीबी द्वारा लगाए गए सभी आरोप ग़लत और बेबुनियाद हैं।
देसाई ने आगे कहा कि एनसीबी के पास ड्रग्स या रेव पार्टी से जुड़े कोई मैसेज और चैट्स नहीं हैं। साथ ही देसाई ने कहा कि एएसजी ने कहा कि आर्यन की वाट्सऐप चैट से पता चला है कि आर्यन के इंटरनेशनल ड्रग पैडलर से संबंध हैं, लेकिन ऐसा वाट्सऐप चैट में कुछ भी नहीं है जो यह साबित कर सके कि आर्यन के संबंध विदेशी ड्रग पैडलर से हैं। देसाई ने कहा कि सेक्शन 35 ट्रायल के समय लागू की जाती है ज़मानत के वक़्त नहीं। मैं फ़िलहाल आर्यन की जमानत के लिए बहस कर रहा हूँ न कि बरी करने के लिए।