बीजेपी सांसद दुबे के 'पटक-पटक कर मारेंगे' वाले बयान पर राजनीतिक विवाद गहराता जा रहा है। डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने सार्वजनिक रूप से उनकी आलोचना की। जानिए बयान पर विवाद क्यों।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपनी ही पार्टी के एक सांसद निशिकांत दुबे के उस विवादास्पद बयान पर कड़ी नाराज़गी जताई है, जिसमें उन्होंने ठाकरे परिवार को निशाना बनाते हुए कहा था कि 'पटक-पटक कर मारेंगे।' इस बयान ने जल्द ही होने वाले स्थानीय निकाय चुनाव से पहले राज्य की सियासत में हलचल मचा दी है और विपक्षी दलों ने इसे लेकर बीजेपी पर निशाना साधा है। इस विवाद ने फडणवीस को अपने ही सांसद को कड़ी फटकार लगाने के लिए मजबूर कर दिया। उन्होंने सांसद को सार्वजनिक रूप से ऐसी बयानबाज़ी से बचने की हिदायत दी है।
निशिकांत दुबे की यह टिप्पणी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे के भड़काऊ बयान के जवाब में आई, जिसमें उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से मुंबई में मराठी बोलने से इनकार करने वालों के कान के नीचे लगाने की अपील की थी, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने ऐसी मारपीट का वीडियो नहीं बनाने को कहा था।
राज ठाकरे के बयान के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में निशिकांत दुबे ने जवाब दिया, 'मुंबई में हिंदी बोलने वालों को पीटने वालों, अगर हिम्मत है तो महाराष्ट्र में उर्दू बोलने वालों को पीटने की कोशिश करो। यहाँ तक कि एक कुत्ता भी अपने घर में शेर होता है। खुद तय करो कि कौन कुत्ता है और कौन शेर।'
उन्होंने बयानबाज़ी को और आगे बढ़ाते हुए कहा, 'तुमको पटक पटक के मारेंगे'। उन्होंने राज ठाकरे को परोक्ष रूप से चुनौती दी और उन्हें महाराष्ट्र से बाहर हिंदी, उर्दू, तमिल और तेलुगु बोलने वालों से भिड़ने की चुनौती दी।
क्या फर्जी डिग्री वाला बताएगा कि हम क्या करें: राउत
शिवसेना यूबीटी के प्रवक्ता संजय राउत ने इस बयान की कड़ी निंदा की और इसे गुंडागर्दी की भाषा करार दिया। राउत ने कहा, 'बीजेपी के सांसद की यह भाषा उनकी पार्टी की संस्कृति को दिखाती है। महाराष्ट्र की जनता ऐसी बयानबाजी को बर्दाश्त नहीं करेगी।' उन्होंने कहा, '...उनके पास फर्जी डिग्री है। फर्जी डिग्री वाला कोई व्यक्ति हमें कैसे बता सकता है कि क्या करना चाहिए? हमारे यहां हिंदी बोलने वाले लोगों से अच्छे संबंध हैं। शिवसेना ने कभी उन पर हमला नहीं किया।' शिवसेना यूबीटी नेता ने कहा, 'सीएम और उनकी पूरी कैबिनेट ने उनकी टिप्पणी पर कोई टिप्पणी नहीं की। आप किस तरह के सीएम हैं? एकनाथ शिंदे खुद को डुप्लीकेट शिवसेना का नेता मानते हैं। अगर वह मर्द हैं तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्हें पीएम मोदी से पूछना चाहिए कि भाजपा नेताओं द्वारा किस तरह की टिप्पणियां दी जा रही हैं। यह तमिलनाडु नहीं है। यह महाराष्ट्र है।' उन्होंने यह भी मांग की कि सांसद के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई की जाए और बीजेपी उन्हें पार्टी से निष्कासित करे।
फडणवीस का हस्तक्षेप
विवाद बढ़ता देख मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने तुरंत मामले में हस्तक्षेप किया। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार फडणवीस ने इस मामले में सांसद से बात की और उन्हें भविष्य में ऐसी भाषा का उपयोग न करने की नसीहत दी। फडणवीस ने एक प्रेस बयान में कहा, 'हमारी पार्टी में असंसदीय भाषा और व्यक्तिगत हमलों की कोई जगह नहीं है। मैंने संबंधित सांसद से इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा है और उन्हें अपनी बयानबाजी पर नियंत्रण रखने को कहा है।'
फडणवीस ने यह भी साफ़ किया कि बीजेपी महाराष्ट्र में विकास और एकता के एजेंडे पर काम कर रही है और ऐसी टिप्पणियां पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा सकती हैं। उन्होंने ठाकरे परिवार का नाम लिए बिना कहा, 'हम राजनीतिक मतभेदों को विचारधारा के स्तर पर सुलझाते हैं, न कि व्यक्तिगत हमलों के जरिए।'
विपक्ष का हमला
कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) ने भी इस बयान को लेकर बीजेपी पर हमला बोला। कांग्रेस नेता नाना पटोले ने कहा, 'यह बयान बीजेपी की हताशा को दिखाता है। वे महाराष्ट्र में अपनी जमीन खो रहे हैं, इसलिए ऐसी भाषा का सहारा ले रहे हैं।' वहीं, एनसीपी (एसपी) की सुप्रिया सुले ने ट्वीट किया, 'महाराष्ट्र की संस्कृति में ऐसी भाषा का कोई स्थान नहीं है। बीजेपी को अपने नेताओं को संस्कार सिखाने चाहिए।'
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह विवाद बीजेपी के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है, खासकर तब जब महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव नजदीक हैं। कहा जा रहा है कि ठाकरे परिवार के ख़िलाफ़ ऐसी बयानबाज़ी से शिवसेना यूबीटी को सहानुभूति मिल सकती है। बीजेपी को अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करना चाहिए।
यह घटना उस समय हुई है जब बीजेपी और शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) की गठबंधन सरकार राज्य में स्थिरता और विकास के दावे कर रही है। ऐसे में यह बयान गठबंधन के लिए भी असहज स्थिति पैदा कर सकता है, क्योंकि शिंदे गुट भी ठाकरे परिवार के खिलाफ व्यक्तिगत हमलों से दूरी बनाए रखने की कोशिश करता रहा है।