उद्धव ठाकरे
लोकसभा चुनावों से पहले महाराष्ट्र में विभाजित शिव सेना और एनसीपी गुटों के बीच जबरदस्त मुकाबला देखा गया। शिवसेना यूबीटी को शिंदे वाली चुनौती दे रही थी तो शरद पवार की एनसीपी को अजीत पवार की एनसीपी चुनौती दे रही थी। भाजपा जो इन पार्टियों में विभाजन कराने के लिए मशहूर हुई, उसे इससे जिस नतीजे की उम्मीद थी, वो हासिल होते हुए मिल नहीं रहा है।
महाराष्ट्र का रुझान इस मायने में महत्वपूर्ण है कि राज्य में चंद महीनों बाद विधानसभा चुनाव हैं और लोकसभा के संकेत काफी कुछ बता रहे हैं। अगर एमवीए एकजुट होकर विधानसभा चुनाव लड़ते हैं तो भाजपा और शिंदे, अजीत पवार की उम्मीदें धराशायी हो जाएंगी।