चुनाव मैदान में उतरने की तैयारीः मनोज जारांगे पाटिल ने यह भी घोषणा की कि वह सभी 288 विधानसभा क्षेत्रों में धनगर, लिंगायत, मुसलमानों के साथ-साथ मराठों सहित सभी पिछड़े समुदायों से उम्मीदवार उतारेंगे। उन्होंने कहा, ''हमने लोकसभा चुनाव में अपनी ताकत दिखा दी है। विधानसभा चुनाव में इसका ज्यादा असर होगा। अगर हमें आरक्षण नहीं मिला तो पांच से छह पिछड़ी जातियां राज्य चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाएंगी। मैं व्यक्तिगत रूप से चुनाव नहीं लड़ूंगा, लेकिन पिछड़े समुदायों से उम्मीदवारों को मैदान में उतारूंगा और सत्तारूढ़ गठबंधन के उम्मीदवारों को खुले तौर पर नाम देकर हराऊंगा।”
भाजपा को मराठा वोट नहीं मिलेः भाजपा विधायकों की बैठक में शनिवार को फडणवीस ने लोकसभा चुनाव में मराठा वोटों के प्रभाव के बारे में बात की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सत्तारूढ़ गठबंधन इस नैरेटिव का मुकाबला करने में विफल रहा है कि सरकार मराठों के खिलाफ थी। फडणवीस ने कहा- “हमने मराठों को दो बार आरक्षण दिया, हालांकि 1980 के दशक से इसका विरोध करने वाले विपक्षी दलों को लोकसभा चुनावों में फायदा हुआ। हमने मराठा समुदाय को कई सुविधाएं दीं, इसके बावजूद हमारे खिलाफ झूठी कहानी गढ़ी गई। यह कथा लंबे समय तक नहीं चलेगी।”