क्या भारतीयों का दिमाग और बुद्धि विदेशी प्रभाव में है? क्या भारतीय शिक्षा प्रणाली पर विदेशी प्रभाव है? कम से कम आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत तो यही मानते हैं। उन्होंने रविवार को कहा कि भारतीयों को अपनी ज्ञान परंपरा को समझने और उसका महत्व जानने के लिए मैकाले शिक्षा पद्धति के विदेशी प्रभाव से पूरी तरह मुक्त होना होगा। उन्होंने तर्क दिया कि सभी भारतीयों ने मैकाले शिक्षा पद्धति के तहत शिक्षा प्राप्त की है, जिसके कारण हमारा दिमाग और बुद्धि विदेशी हो गए।
हमारा दिमाग विदेशी हो गया है, विदेशी प्रभाव त्याग ही समझ पाएंगे अपनी ज्ञान परंपरा: भागवत
- महाराष्ट्र
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- 19 Oct, 2025
RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारतीय समाज अपने ही ज्ञान की परंपरा से कट गया है क्योंकि हमारा दिमाग विदेशी प्रभावों से ग्रस्त हो गया है।

भागवत मुंबई में 'आर्य युग' पत्रिका के एक खंड का विमोचन कर रहे थे। मैकाले शिक्षा प्रणाली का ज़िक्र करते हुए भागवत ने 19वीं सदी के ब्रिटिश प्रशासक थॉमस बबिंगटन मैकाले की ओर इशारा किया, जिन्होंने 1835 में भारत में अंग्रेजी शिक्षा प्रणाली को लागू करने की वकालत की थी। इस प्रणाली का मक़सद भारतीयों को ब्रिटिश संस्कृति और मूल्यों से परिचित कराना था, जिसे आरएसएस और कई भारतीय विचारक भारतीय ज्ञान परंपराओं को दबाने का एक प्रयास मानते हैं। भागवत का यह बयान उस विचार को दोहराता है कि विदेशी शिक्षा प्रणाली ने भारतीयों को अपनी सांस्कृतिक और बौद्धिक जड़ों से दूर कर दिया।