loader

जैश-उल-हिंद ने कहा- अंबानी से कोई लड़ाई नहीं, कभी धमकी नहीं दी

उद्योगपति मुकेश अंबानी के मुंबई स्थित घर एंटीलिया के बाहर विस्फोटक रखने के मामले में मुंबई पुलिस ने एक बयान जारी किया है। रविवार को मीडिया में आई ख़बरों में कहा गया था कि जैश-उल-हिंद नाम के आतंकी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है लेकिन मुंबई पुलिस के मुताबिक़, जैश-उल-हिंद ने कहा है कि उसने कभी भी मुकेश अंबानी को कोई धमकी नहीं दी है। इस आतंकी संगठन ने ये भी कहा है कि मीडिया में वायरल हो रहा पत्र पूरी तरह फर्जी है। 

जैश-उल-हिंद ने कहा है कि वह कभी भी काफिरों से पैसा नहीं लेता और उसकी मुकेश अंबानी से कोई लड़ाई नहीं है। आतंकी संगठन ने कहा है कि भारतीय मीडिया में अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक मिलने को लेकर यह बताया जाना कि जैश-उल-हिंद ने इसकी जिम्मेदारी ली है, पूरी तरह ग़लत है और उस टेलीग्राम अकाउंट से जिसके जरिये यह जिम्मेदारी ली गई है, उसका इस संगठन से कोई लेना-देना नहीं है। 
ताज़ा ख़बरें

एंटीलिया के बाहर विस्फोटक रखने के मामले में मीडिया में जारी ख़बरों में कहा गया था कि जैश-उल-हिंद नाम ने एक संदेश के जरिए जांच एजेंसियों को चुनौती दी है। इस आतंकी संगठन ने पिछले महीने दिल्ली के इजराइली दूतावास के बाहर हुए बम धमाके की जिम्मेदारी ली थी। 

क्या लिखा है आतंकी संदेश में 

ख़बरों के मुताबिक़, आतंकी संगठन ने संदेश में लिखा था, 'रोक सकते हो तो रोक लो, तुम कुछ नहीं कर पाए थे जब हमने तुम्हारी नाक के नीचे दिल्ली में तुम्हें हिट किया था, मुंबई में एसयूवी  पार्क करने वाले सही सलामत अपने घर पहुंच गए हैं यह तो एक ट्रेलर था अभी बड़ी पिक्चर आनी बाकी है। तुमने मोसाद के साथ हाथ मिलाया लेकिन कुछ नहीं हुआ।' 

ख़बरों के मुताबिक़, आखिर में अंबानी के लिए लिखा था कि तुम्हें मालूम है कि क्या करना है, बस पैसे ट्रांसफर कर दो जो तुम्हें पहले ही कहा गया है। 

नाम बदल कर दे रहे अंजाम

महाराष्ट्र के पूर्व एटीएस चीफ केपी रघुवंशी का कहना है कि यह आतंकी संगठन कोई नया नहीं है। ऐसे संगठन सिर्फ नाम बदलकर छोटी-मोटी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। रघुवंशी से जब यह पूछा गया कि आखिरकार इस संगठन का किससे संबंध है तो उन्होंने कहा कि लश्कर और जैश-ए-मुहम्मद आतंकी संगठन अपने नाम बदल कर इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। 

नाम बदलने के पीछे की वजह पूछने पर रघुवंशी कहते हैं कि इन बड़े संगठनों लश्कर और जैश-ए-मुहम्मद पर पाकिस्तान में बड़ा दबाव है जिसके चलते ये संगठन दूसरे नामों से आतंकी गतिविधियों को जारी रखे हुए हैं। रघुवंशी ने यह भी बताया कि छोटी वारदातों की आड़ में ये आतंकी संगठन किसी बड़ी कार्रवाई को अंजाम देने का भी प्लान बना रहे हैं ताकि भारतीय सुरक्षा एजेंसियां इन छोटे मामलों की जांच में अटकी रह जाएं।

मुंबई से बाहर गए आरोपी?

मुंबई पुलिस की अभी तक की जांच में पता चला है जिस व्यक्ति ने जिलेटिन छड़ों से लदी गाड़ी पार्क की थी और जो शख़्स इनोवा गाड़ी में था, वो दोनों मुंबई से बाहर निकल गए हैं। मुंबई क्राइम ब्रांच अब तक इस सवाल का जवाब हासिल नहीं कर सकी है कि आखिर इनोवा कार का नंबर क्या है और इसका मालिक कौन है। 

पुलिस को कई सुराग जरूर मिले हैं जिनसे उसकी जांच आगे बढ़ रही है। पुलिस को साजिश में इस्तेमाल इनोवा गाड़ी की सीसीटीवी फुटेज मिली है जिससे पता चलता है कि टोल नाके के जरिए आरोपी मुंबई से बाहर जा चुके हैं।

महाराष्ट्र से और ख़बरें

दूतावास के बाहर हुआ था धमाका

दिल्ली में 29 जनवरी की शाम को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था वाले वीवीआईपी इलाके लुटियंस जोन में एपीजे अब्दुल कलाम रोड पर स्थित इज़रायली दूतावास के पास एक बम विस्फोट हुआ था। गणतंत्र दिवस के कारण घोषित हाई अलर्ट के बीच शाम 5.05 बजे दूतावास से महज 150 मीटर दूर जिंदल हाउस के सामने हुए धमाके में कोई घायल नहीं हुआ था, लेकिन आसपास खड़ी तीन कारों के शीशे टूट गए थे। 

इसके एक दिन बाद आतंकी संगठन जैश-उल-हिंद ने टेलीग्राम के जरिए धमाके की जिम्मेदारी ली थी। अब सुरक्षा एजेंसियां इस आतंकी संगठन के लिंक को ढूंढने में लग गयीं है जिससे ये साफ हो सके कि आखिर जैश-उल-हिंद के लश्कर या जैश-ए- मुहम्मद से किस तरह का संबंध है।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
सोमदत्त शर्मा
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

महाराष्ट्र से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें