आप हर महीने कितना कमा लेते हैं? 10 हज़ार? 20 हज़ार? 50 हज़ार? एक लाख, 5 लाख, 50 लाख या एक करोड़? क्या आप 200 करोड़ रुपये हर महीने कमाने की सोच भी सकते हैं? केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के पास हर महीने 200 करोड़ रुपये कमाने का दिमाग है! दरअसल, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इथेनॉल ब्लेंडिंग नीति को लेकर लग रहे व्यक्तिगत लाभ के आरोपों को खारिज करते हुए यह दावा किया है। 

नागपुर में एग्रीकॉस वेलफेयर सोसाइटी के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, 'मेरा दिमाग महीने का 200 करोड़ रुपये का है। क्या आप सोचते हैं कि मैं पैसे के लिए यह सब कर रहा हूं? मैं ईमानदारी से कमाने का तरीका जानता हूँ, न कि सौदेबाजी का।' गडकरी ने जोर देकर कहा कि उनकी पहलें किसानों को सशक्त बनाने के लिए हैं, न कि जेब भरने के लिए। यह बयान इथेनॉल को पेट्रोल में मिलाने की सरकारी नीति पर छिड़ी बहस के बीच आया है। आलोचक वाहनों को नुक़सान होने का आरोप लगा रहे हैं तो कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार की इथेनॉल मिश्रण नीति से गडकरी के बेटों की कंपनियों को बड़ा लाभ हुआ है। 
आरोपों पर गडकरी ने इथेनॉल मिश्रण नीति यानी E20 का बचाव किया। सरकार ने इथेनॉल को पेट्रोल का स्वच्छ और सस्ता विकल्प बताते हुए 20% ब्लेंडिंग का लक्ष्य रखा है। गडकरी ने इस नीति को किसानों की आय दोगुनी करने का माध्यम बताया है, क्योंकि चावल, गन्ना और मक्का जैसे फसलों से इथेनॉल बनाया जा सकता है। लेकिन आलोचकों का कहना है कि इससे खाद्य उत्पादन प्रभावित होगा, वाहनों को नुकसान पहुंचेगा और उपभोक्ताओं की पसंद सीमित हो जाएगी।

'विदर्भ में दस हज़ार आत्महत्याएँ...'

हालाँकि, इस मामले की शिकायतों सुप्रीम कोर्ट में भी पहुँचीं। इसने एक जनहित याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें सभी पेट्रोल पंपों पर इथेनॉल-मुक्त ईंधन उपलब्ध कराने की मांग की गई थी। अदालत ने कहा कि नीति वैज्ञानिक आधार पर है। इसके बावजूद विपक्षी दल और पर्यावरण कार्यकर्ता सरकार पर दबाव बना रहे हैं। वे पूछ रहे हैं कि किसानों को कितना लाभ हुआ? महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में किसान संकट का जिक्र करते हुए गडकरी ने कहा, 'विदर्भ में 10 हजार किसानों की आत्महत्याएं हुईं, यह शर्म की बात है। मेरी पहलें किसानों को मजबूत बनाने के लिए हैं।'

गडकरी का कमाई का आइडिया

गडकरी ने अपने बेटे के व्यवसाय का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि उनके पास 200 करोड़ रुपए महीने कमाने का दिमाग है। उन्होंने कहा कि उन्हें पता है कि पैसे कहां से ईमानदारी से कमाना है। उन्होंने कहा कि
दलाली नहीं करता हूं, फ्रॉड नहीं करता, ईमानदारी से कमाई करना मुझे आता है, बेटों को कमाई के आइडियाज देता हूं। मेरे बेटे ने ईरान से 800 कंटेनर सेब लाकर 1000 कंटेनर केले वहां भेज दिए।
नितिन गडकरी
केंद्रीय मंत्री
गडकरी ने आगे कहा, 'मेरा बेटा गोवा से 300 कंटेनर मछलियाँ लेकर सर्बिया पहुँचा। उसने ऑस्ट्रेलिया में एक कारखाना भी लगाया है जहाँ दूध पाउडर बनता है। वह 150 कंटेनर अबू धाबी और अन्य जगहों पर भेजता है।' टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार गडकरी ने बताया कि उनका बेटा आईटीसी के साथ मिलकर 26 चावल मिलें भी चलाता है। उन्होंने कहा, 'मुझे पाँच लाख टन चावल के आटे की ज़रूरत है, इसलिए वह मिलें चलाता है और मैं आटा खरीदता हूँ।' उन्होंने ऐसे उपक्रमों को इस बात का उदाहरण बताया कि कैसे व्यावसायिक बुद्धि कृषि में अवसर पैदा कर सकती है।

ईमानदारी की दुहाई

कार्यक्रम में गडकरी ने कहा, 'पैसों की कमी नहीं है, न ही नीचा गिरने वाला हूँ। मेरे विचार किसानों के लाभ के लिए हैं।' उन्होंने इथेनॉल को कृषि क्रांति का हिस्सा बताया, जो न केवल आय बढ़ाएगा बल्कि पर्यावरण संरक्षण भी करेगा। गडकरी ने जोर दिया कि उनका 'प्रयोग' किसानों को लाभ पहुँचाने के लिए हैं, न कि व्यक्तिगत हित के लिए। गडकरी की यह सफाई तब आई है जब कुछ दिन पहले ही कांग्रेस ने इसको लेकर बड़ा हमला बोला था। 
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कांग्रेस के आरोप

कांग्रेस ने हाल ही में दावा किया था कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा जोर-शोर से लागू की जा रही केंद्र सरकार की इथेनॉल मिश्रण नीति से उनके बेटों की कंपनियों को असाधारण लाभ हुआ है। प्रेस कॉन्फ़्रेस कर कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने पीएम मोदी का नाम लेते हुए कहा कि 'प्रधानमंत्री के पास भतीजों की फौज है, कुछ T20 वाले हैं, कुछ E20 वाले हैं।' बता दें कि अमित शाह के बेटे जय शाह आईसीसी चेयरमैन हैं, जबकि ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे हाल ही में मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष बने हैं। 

खेड़ा ने कहा कि निखिल गडकरी और सारंग गडकरी दोनों मोदी सरकार में मंत्री नितिन गडकरी के बेटे हैं। पवन खेड़ा ने कहा, 'नितिन गडकरी के दोनों बेटों की कंपनियां सियान एग्रो इंडस्ट्रीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड और मानस एग्रो इंडस्ट्रीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड एथेनॉल प्रोड्यूस करती हैं। यानी- सरकार में बैठे पिता पॉलिसी बना रहे और बेटे पैसा बना रहे हैं। निखिल गडकरी की कंपनी सियान एग्रो का जून 2024 में रेवेन्यू 18 करोड़ था, जो कि जून, 2025 में बढ़कर 723 करोड़ (3916.67% बढ़ोतरी) हो गया। इस कंपनी के शेयर की कीमत जनवरी, 2025 में 37 रुपए थी जो कि अब बढ़कर 638 रुपए हो गई है- यानी इन कीमतों में 2184% की वृद्धि हुई है। पिछले 11 साल के इतिहास में कोई भी स्कीम समय से पूरी नहीं हुई, लेकिन 2025 की समयसीमा से पहले देश ने 20% एथेनॉल मिश्रण हासिल कर लिया।'
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तब कांग्रेस ने 5 बड़े सवाल पूछे थे। एथेनॉल से देश के किसानों को कितना फायदा हुआ? एथेनॉल मिश्रण के बाद भी महंगा पेट्रोल-डीजल क्यों मिल रहा है? अगर E20 को बढ़ावा देना पब्लिक पॉलिसी है तो इसका फायदा सिर्फ नितिन गडकरी के बेटों को ही क्यों मिला? नरेंद्र मोदी करप्शन पर 'जीरो टॉलरेंस' की बात करते हैं, लेकिन क्या वो अपने भतीजों पर जांच बैठाएंगे? साल 2014-2025 के बीच पेट्रोल-डीजल पर CESS के जरिए जो पैसा (करीब 40 लाख करोड़ रुपए) कमाया गया- उसका हिसाब जनता को कब मिलेगा?