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क्रूज ड्रग्स केस: केपी गोसावी के ख़िलाफ़ पुणे पुलिस का लुकआउट सर्कुलर

मुंबई कॉर्डेलिया क्रूज़ ड्रग्स मामले में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के गवाह केपी गोसावी की मुश्किलें बढ़ गयी हैं। पुणे पुलिस ने गोसावी के ख़िलाफ़ धोखाधड़ी के एक मामले में लुकआउट सर्कुलर जारी किया है। साल 2018 में केपी गोसावी पर पुणे में धोखाधड़ी का एक मामला दर्ज किया गया था जिसमें पुलिस को गोसावी की तलाश थी, लेकिन वह पुलिस की पकड़ से बाहर था। गोसावी क्रूज पर हुई छापेमारी और ड्रग्स की बरामदगी में नौ गवाहों में से एक है। गोसावी उस समय चर्चा में आया था जब शाहरुख ख़ान के बेटे आर्यन ख़ान को वह एनसीबी के दफ्तर ले जाता हुआ दिखाई दिया था। उसके बाद उसकी एनसीबी के दफ्तर में ही आर्यन ख़ान के साथ एक सेल्फी भी बहुत वायरल हुई थी।

मामला साल 2018 का है। पुणे के फरासखाना पुलिस स्टेशन में केपी गोसावी के ख़िलाफ़ एक व्यक्ति ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया था। पुणे के पुलिस कमिश्नर अमिताभ गुप्ता ने बताया कि केपी गोसावी को कई बार पूछताछ के लिए बुलाया गया था लेकिन वह हाजिर नहीं हुआ था। 

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अमिताभ गुप्ता का कहना है गोसावी पर मलेशिया में नौकरी देने के नाम पर पुणे के एक व्यक्ति से लाखों रुपये ठगी करने का आरोप है। गोसावी ने मलेशिया में एक बड़े होटल में नौकरी दिलाने के नाम पर पुणे के एक व्यक्ति चिन्मय देशमुख से 3 लाख 90 हज़ार रुपये लिए थे। इतना ही नहीं, गोसावी ने चिन्मय को फर्जी एयर टिकट और फर्जी वीज़ा भी उपलब्ध कराया था। चिन्मय जब एयरपोर्ट पहुँचा तो उसे पता लगा कि उसके साथ गोसावी ने धोखा किया है। इसके बाद चिन्मय देशमुख ने गोसावी से जब अपने पैसे मांगे तो गोसावी टालमटोल करता रहा। आख़िर में जब गोसावी ने पैसे नहीं लौटाए तो चिन्मय ने गोसावी के ख़िलाफ़ पुणे में धोखाधड़ी का मामला दर्ज करवा दिया।

इसके अलावा भी केपी गोसावी के ख़िलाफ़ मुंबई में धोखाधड़ी का मामला दर्ज है। इस मामले में भी गोसावी ने एक शख्स से विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपए ऐंठ लिए थे। बाद में उस पीड़ित शख्स ने भी गोसावी के ख़िलाफ़ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करा दिया था। पुणे पुलिस का कहना है कि गोसावी मुंबई में एक डिटेक्टिव एजेंसी भी चलाता है जिसकी सेवाएँ कई बड़े लोग लेते हैं। 

बहरहाल, पुणे पुलिस के एक अधिकारी का कहना है कि गोसावी को पूछताछ के लिए कई बार समन भेजा लेकिन वह पुलिस के सामने हाजिर नहीं हुआ। 

आर्यन मामले में जब गोसावी की तसवीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो पुणे पुलिस ने संपर्क करने की कोशिश की लेकिन उससे संपर्क नहीं हो पाया। आख़िर में पुणे पुलिस ने लुकआउट सर्कुलर जारी कर दिया है, जिससे कि वह देश छोड़कर फरार न हो सके।

गोसावी उस समय चर्चा में आया था जब नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने कॉर्डेलिया क्रूज पर छापेमारी की थी। छापेमारी में एनसीबी ने शाहरुख ख़ान के बेटे आर्यन ख़ान को भी गिरफ्तार किया था। आर्यन को केपी गोसावी पकड़ कर एनसीबी दफ्तर ले जाता हुआ दिखाई दिया था। उसके बाद गोसावी की आर्यन के साथ एक सेल्फी बहुत वायरल हुई थी और सवाल उठे थे कि आख़िर यह व्यक्ति कौन है। जब एनसीबी से गोसावी के बारे में पूछा गया तो एनसीबी ने साफ़ कर दिया कि वह एनसीबी का अधिकारी नहीं है। ऐसे में यह सवाल उठा कि जब गोसावी एनसीबी का अधिकारी नहीं था तो फिर आर्यन को एस्कॉर्ट करते हुए एनसीबी दफ्तर कैसे लेकर गया था।

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एनसीपी प्रवक्ता और महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने सवाल उठाया था कि जब गोसावी एनसीबी का अधिकारी नहीं था तो एनसीबी के साथ क्या कर रहा था और उसे आर्यन का हाथ पकड़कर एनसीबी दफ़्तर में ले जाने का अधिकार किसने दिया? नवाब मलिक ने बाद में खुलासा किया था कि आर्यन के साथ सेल्फी लेने वाला शख्स किरण गोसावी है। गोसावी के साथ बीजेपी का एक नेता मनीष भानूशाली भी दिखाई दिया था जो आर्यन के दोस्त अरबाज मर्चेंट को पकड़कर एनसीबी के दफ्तर ले जाता हुआ दिखाई दिया था। इसके बाद ही मलिक ने एनसीबी की कार्रवाई पर सवाल उठाए थे और इस पूरी कार्रवाई को फर्जीवाड़ा करार दिया था।

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नवाब मलिक द्वारा खुलासा किए जाने के बाद एनसीबी के ज़ोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े और डिप्टी डीजी ज्ञानेश्वर सिंह ने दावा किया था कि केपी गोसावी और मनीष भानुशाली उसके गवाह थे और क्रूज़ पर ड्रग्स पार्टी की जानकारी उन्होंने ही दी थी। जब एनसीबी के अधिकारियों से यह पूछा गया कि गोसावी और भानुशाली आरोपियों को एस्कॉर्ट करके एनसीबी दफ़्तर क्यों लेकर जा रहे थे तो एनसीबी ने कहा था कि वह उनके साथ चलकर जा रहे थे क्योंकि उन्हें उनका बयान दर्ज करना था।

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सोमदत्त शर्मा
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