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क्या राजनाथ सिंह ने उद्धव ठाकरे से कहा था सलाम वालेकुम? 

राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए प्रचार जोरों से चल रहा है। एनडीए की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में केंद्र सरकार के मंत्री खुद मोर्चा संभाले हुए हैं। द्रौपदी मुर्मू हर राज्य में जाकर वहां की पार्टियों से अपने समर्थन में वोट मांग रही हैं। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री भी राज्यों की छोटी-छोटी पार्टियों के प्रमुखों को फोन पर समर्थन देने की अपील कर रहे हैं। इसी सिलसिले में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने के लिए फोन किया था। उद्धव ठाकरे उस समय नाराज़ हो गए जब राजनाथ सिंह ने फोन उठाते ही उनसे कथित तौर पर सलाम वालेकुम कह दिया। इसके बाद उद्धव ठाकरे ने भी राजनाथ सिंह को सलाम वालेकुम का जवाब जय श्री राम बोल कर दिया। उद्धव ठाकरे ने यह बात शिवसेना के पूर्व विधायकों के साथ हुई बैठक में बतायी। हालाँकि बीजेपी के नेताओं ने उद्धव ठाकरे द्वारा बताई गई इस ख़बर को झूठा बताया है।

पिछले कई दिनों से महाराष्ट्र की राजनीति गरमाई हुई है और इसी राजनीति का नतीजा यह रहा कि उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ गई। 

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शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पिछले हफ्ते शिवसेना के पूर्व विधायकों की एक बैठक बुलाई थी जिसमें उन्होंने इन पूर्व विधायकों को बताया कि द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने के लिए पिछले हफ्ते रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने फोन किया था। दरअसल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उद्धव ठाकरे को द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने के लिए फोन किया। ठाकरे ने इन पूर्व विधायकों को बताया कि राजनाथ ने फोन पर उन्हें सलाम वालेकुम कहकर तंज कसा जिस पर वह भड़क गए।

उद्धव ठाकरे के साथ मीटिंग में शामिल हुए एक पूर्व विधायक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सलाम वालेकुम शब्द सुनते ही उद्धव ठाकरे ने राजनाथ सिंह को तेज आवाज में ‘जय श्री राम’ से अभिवादन किया। इसके बाद राजनाथ सिंह ने हंसते हुए माहौल को थोड़ा हल्का करने की कोशिश की। इसके बाद राजनाथ ने उद्धव ठाकरे से आदिवासी क्षेत्र की महिला और एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने की गुजारिश की। हालांकि उद्धव ठाकरे ने द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने के बारे में उस समय कोई ठोस जवाब नहीं दिया था। 

महाराष्ट्र सरकार गिरने के बाद उद्धव ठाकरे ने यह वाकया शिवसेना के पूर्व विधायकों की बैठक में उन्हें बताया। उद्धव ठाकरे ने इस बैठक में पूर्व विधायकों से यह वाकया बताने के पीछे की वजह बताई। 

उद्धव ने कहा कि जबसे उन्होंने कांग्रेस और एनसीपी के साथ सरकार बनाई है तभी से लोग उन्हें ताना दे रहे हैं।

उद्धव ठाकरे ने पूर्व विधायकों के साथ हुई इस बैठक में कहा कि लोग हमेशा शिवसेना को यह जताना चाहते हैं कि हमने हिंदुत्व को छोड़ दिया है, लेकिन मैं आप सभी को साफ़ कर देना चाहता हूं कि हिंदुत्व का मुद्दा हमारे लिए कोई मुद्दा नहीं है बल्कि यह एक विचारधारा है और बाला साहब ठाकरे के शिवसैनिक इस विचारधारा को कभी नहीं छोड़ सकते हैं। 

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उद्धव ठाकरे ने पूर्व विधायकों के साथ हुई इस बैठक में शिवसेना के बागी विधायकों पर भी जमकर हमला बोला। ठाकरे ने कहा कि जितने भी विधायक शिवसेना छोड़कर गए हैं वे सभी पिछले कई साल से बाला साहब ठाकरे के नाम पर चुनाव जीतते रहे और जब पार्टी के साथ खड़े होने का वक्त आया तो वे गद्दारी करके पार्टी को बीच मझधार में छोड़ गए। 

हालांकि राष्ट्रपति पद के चुनाव में शिवसेना के ज्यादातर सांसद एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में हैं। शिवसेना के करीब 15 सांसद उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखकर यह बता चुके हैं कि हमें द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करना चाहिए क्योंकि द्रौपदी मुर्मू आदिवासी क्षेत्र से आती हैं। यही कारण है कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने द्रौपदी मुर्मू को समर्थन करने का ऐलान कर दिया है। 

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वहीं बीजेपी ने इसे अफवाह करार दिया है और उन पर निशाना साधते हुए कहा है कि उद्धव ठाकरे ने जो अपने पूर्व विधायकों को जानकारी दी है वह पूरी तरह से झूठी है। महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता सुधीर मुनगंटीवार का कहना है कि उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से इस बारे में बातचीत की है। मुनगंटीवार ने कहा कि राजनाथ सिंह ने उन्हें बताया है कि उन्होंने कभी भी उद्धव ठाकरे से इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया, अगर उद्धव ठाकरे खुद अपने नेताओं को यह गलत जानकारी दे रहे हैं तो यह काफी गंभीर बात है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिरकार उद्धव ठाकरे ने अपने पार्टी के नेताओं को यह जानकारी क्यों दी।
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सोमदत्त शर्मा
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